पटना

पटना: विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में हंगामा


संजय-वीरेंद्र मसले का कार्यमंत्रणा समिति लेगा कल फैसला

(आज समाचार सेवा)

पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर संपूर्ण विपक्ष ने बुधवार को विधानसभा में हंगामा किया। मंगलवार को भाजपा सदस्य संजय सरावगी एवं राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बीच सदन के बाहर हुई घटना को लेकर भाजपा के सदस्य हमलावर दिखे। हंगामा नहीं थमते देख विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि गुरूवार को कार्यमंत्रणा समिति इस मसले पर विचार करेगी। स्पीकर की व्यवस्था के बावजूद भाजपा सचेतक जनक सिंह मानने को तैयार नहीं थे। वे इतने गुस्से में थे कि स्पीकर को भी भला बुरा कह दिया।

बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले माले, कांग्रेस और राजद के सदस्य बहर अलग-अलग तख्ती लेकर नारेवाजी व प्रदर्शन कर रहे थे। माले विधानमंडल दल के नेता महबूब आलम और सत्यदेव राम का कहना था कि भ्रष्टाचार की छींटा राजभवन तक पड़ा है इसलिए उन्हें केंद्र वापस बुलाये। सदन के अंदर जब कार्यवाही शुरू हुई तो फिर माले, कांग्रेस, सीपीआइ, सीपीएम एवं एआइएमएमए के सदस्य बेल में पहुंच कर नारेबाजी करने ले, जबकि राजद सदस्य अपने सीटों पर खड़ा होकर विरोध जता रहा थे।

स्पीकर ने उन्हें शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद विधायिका से जुड़ा है उन पर इस तरह लांछन लगाने की इजाजत किसी को नहीं दिया जा सकता है। माले के सदस्यों ने इस मसले को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग करने को लेकर हंगामा करने लगे। स्पीकर ने दूसरी पाली में विधायी कार्य सूचीवद्घ रहने के कारण उनकी सूचना को अमान्य किया जाता है।

हंगामे के बीच भाजपा सचेतक जनक सिंह ने मंगलवार को सदन के बाहर भाई वीरेंद्र एवं संजय सरावगी के बीच हुए तू-तू, मैं-मैं के मामले को उठाते हुए भाई वीरेंद्र के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे। उनके साथ भाजपा के कई विधायक थे। स्वयं संजय सरावगी को यह कहते हुए सुना गया कि अध्यक्ष महोदय! कल की घटना से मेरी भावना आहत हुई है, मुझे न्याय मिलना चाहिए।

विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि सकारात्मक चर्चा से प्रेरणा व उत्साह मिलती है। कल की घटना सदन कें बाहर हुआ है। हमसे भी प्रश्न पूछा जा रहा है। विधायिका की सहजता, सजगता सरकार की संवेदनशीलता की पूरे देश में हो रही है। अब यह चर्चा दब गयी है। नकारात्मक बातों की चर्चा खुब हो रही है। थोड़ी सी भूल पूरे देश की मीडिया में चल रही है। सदन की गरिमा गिरी है। सदन की प्रतिष्ठा बढ़े, मेरी ही नहीं सबों की जिम्मेवारी है।

नकारात्मक शक्तियां हमें दबोचने के लिए बैठी है। इस तरह की घटना कहां ले जायेगी। ऐसी घटना की पुनरावृति न हो यह हम सबों की जिम्मेवारी है। राजनीति पूरी शेर की सवारी है। राज्य की समस्या पर चर्चा करेंगे तो प्रतिष्ठा बढ़ेगी। इससे भटकेंगगे तो हमारा प्राण ले लेगा। सदन की नैतिक मूल्य बचाये रखने के लिए सकारात्मक कार्य करें। कर्यमंत्रणा समिति की बैठक कल चर्चा करेंगे। यहां बैठे हैं परिवार के रुप में हैं। सब इसका ख्याल रखें। सत्ता पक्ष शालीनता की मर्यादा को रखें।