पटना

बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान करे जल संसाधन : सीएम


सीएम ने की अतिवृष्टि से फसल क्षति की समीक्षा, नदियों की उड़ाही की योजना बना कर करें काम

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले पांच-छह माह से लगातार बारिश हुई है। राज्य में इस मॉनसून अवधि के दौरान चार चरणों मे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया गया।

उन्होंनें कहा कि १५ अक्तूबर से पहले सभी जगह की रिपोर्ट लेकर हुई फसल क्षति का आकलन किया गया और उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है। पिछले दो-तीन दिनों में भी वर्षा के कारण हुई फसल क्षति का फिर से एक बार आकलन करा लें। कोई भी प्रभावित क्षेत्र छूटे नहीं। सभी गांवों में हुई फसल क्षति की जानकारी लें। मुख्यमंत्री बुधवार को अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति को लेकर उच्चस्तरीय बैठक में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि वर्ष २००७ से आपदा की स्थिति में लोगों को हर प्रकार से सहायता की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को दो श्रेणी में बांटा गया है ताकि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का कार्य ठीक ढंग से किया जा सके। उन्होंने कहा कि सिंचाई कार्य को ठीक से देखने के साथ-साथ जल संसाधन विभाग बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान के लिए कार्य करे। जिन नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण बचा हुआ है उनका निर्माण कार्य जल्दी से पूरा करें। उन्होंने कहा कि नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर काम करें।

छोटी-छोटी नदियों को भी कनेक्ट करने की योजना बनायें ताकि जल संरक्षण हो सके और उससे सिंचाई कार्य में किसानों को काफी सुविधा हो सके। उन्होंने कहा कि बिहार की लगभग ७४ प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार कृषि है। हमलोग कृषि के क्षेत्र में कई कार्य किये हैं, फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है।

अधिप्राप्ति का काम भी अच्छे से हो रहा है और लोगों की आमदनी बढ़ी है। बैठक में जलसंसाधन सचिव संजीव हंस, कृषि सचिव एन सरवन कुमार तथा आपदा प्रबंधन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने अपने-अपने विभागों की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, चंचल कुमार, जल संसाधन सचिव संजीव हंस, कृषि सचिव एन सरवन कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव संजय कुमार अग्रवाल तथा मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार मौजूद थे।