बाढ़ पीडि़त किसानों को मिलेगा 998.11 करोड़ का अनुदान
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- 1056 कम्यूनिटी किचेन में दो करोड़ को खिलाया गया खाना
- प्रभावित परिवारों के बीच बांटा गया 73 करोड़ की जीआर
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(आज समाचार सेवा)
पटना। मॉनसून अवधि में राज्य में चार चरणों में आयी बाढ़ से व्यापक क्षति हुई है। इससे ३१ जिले के २९४ प्रखंड में लगभग ७९.३१ लाख की आबादी प्रभावित हुई। सरकार ने बाढ़ से पीडि़त किसानों के लिए बड़े पैमाने पर राहत चलाने का निर्णय लिया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य के अंदर ६.६४ लाख हेक्टेयर में लगी फसल क्षतिग्रस्त हो गयी। प्रभावित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान के रुप में ९०२.०८ करोड़ दिया जायेगा। इसके लिए सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी है। इसी तरह खरीफ २०२१ में परती भूमि से हुए नुकसान की भी सरकार भरपायी करेगी। बाढ़ एवं जलजमाव के फलस्वरुप फसल नहीं लगने के कारण १.४१ लाख हेक्टेयर कृषि भूमि परती रह गयी। संबंधित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान के रुप में ९८.०३ करोड़ दिया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी है। वहीं क्षतिग्रस्त बांधों की मरम्मति का कार्य भी बाढ़ अवधि के दौरान युद्घस्तर पर चलाया गया। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जल संसाधन विभाग को ३६० करोड़ उपलब्ध कराया गया। इसके अतिरिक्त भी जल संसाधन विभाग को २८३ करोड़ बाढ़ निरोधक कार्य के लिए दिया गया। जिससे बाढ़ निरोधक कार्य कराया गया।
विभाग के अनुसार बाढ़ पीडि़त परिवारों के सहायतार्थ कुल ८८ बाढ़ राहत शिविर संचालित किये गये। इसके अतिरिक्त १९५६ सामुदायिक रसोईयों का भी संचालन किया गयार है, जिसके माध्यम से दिन रात मिलाकर लगभग दो करोड़ १० लाख लोगों को भोजन कराया गया। बाढ़ राहत के लिए १९ एनडीआरएफ और १७ एसडीआरएफ टीमों को लगाया गया था। अब तक १४ लाख ४६ हजार ३७७ बाढ़ प्रभावित परिवारों को जीआर की राशि के रुप में प्रति परिवार आठ हजार की र से ८८७.८३ करोड़ का भुगतान किया गया तथा शेष्यस बचे डेढ़ लाख परिवारों में से योग्य परिवारों को भी जांचोपरांत जीआर का भुगतान २५ अक्तूबर तक कर दिया जायेगा। बाढ़ से मृत ६० व्यक्तियों के निकटतम संबंधियों को चार लाख प्रति मृतक की दर से दो करोड़ ४० लाख का भुगतान किया गया है।
विभाग ने कहा है कि पशु चिकित्सा एवं पशु चारा की इस अवधि में समुचित व्यवस्क्था की गयी। साथ ही ९५ मृत पशुओं के मालिकों को अनुग्रह अनुदान के रुप में कुल २८.४० लाख का भुगतान किया गया। बाढ़ से विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर सडक़ क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त सडक़ों की मरम्मति का कार्य कराया जा रहा है। विभिन्न विभागों से प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट के आलोक में एक मेमोरेंडम तैयार कर गृह विभाग को भेजा गया है। पुन: अंतिम रिपोर्ट के आलोक में संशोधित मेमोरेंडम तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजा जायेगा।