पटना

महावीर आरोग्य संस्थान में तीन माह तक होगा कोरोना मरीजों का निःशुल्क फॉलो-अप ट्रीटमेंट


(निज प्रतिनिधि)

पटना। महावीर मन्दिर न्यास द्वारा संचालित महावीर आरोग्य संस्थान में भर्ती कोरोना मरीज अब ठीक होने लगे हैं। शनिवार को सघन इलाज के बाद स्वस्थ हुए चार कोरोना योद्धाओं को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। महावीर आरोग्य संस्थान के निदेशक और पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ एस सी मिश्रा ने महावीर मन्दिर का प्रसाद और फूल भेंट कर उन्हें अस्पताल से विदा किया। इस मौके पर उन्होंने भविष्य में चारों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना भी की।

डॉ एस सी मिश्रा ने बताया कि महावीर आरोग्य संस्थान में कोविड के इलाज के बाद डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का अगले तीन माह तक निःशुल्क फॉलो अप ट्रीटमेंट होगा। कोरोना के कारण हुई स्वास्थ्य समस्याओं को निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श से ठीक किया जाएगा। महावीर अस्पतालों के महानिदेशक का दायित्व संभाल रहे डॉ एस सी मिश्रा ने बताया कि चार मरीजों के डिस्चार्ज के बाद अस्पताल में बीस कोविड मरीज भर्ती हैं। सभी को ऑक्सीजन बेड और दूसरी जरूरी सुविधाओं के साथ सघन चिकित्सकीय निगरानी में इलाज किया जा रहा है।

विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स से लेकर पर्याप्त संख्या में पैरामेडिकल कर्मियों को कोरोना मरीजों की देखभाल और इलाज में लगाया गया है। अमेरिका में कोविड अस्पताल चला रहे बिहारी मूल के कई डॉक्टर भी महावीर आरोग्य संस्थान में भर्ती कोरोना मरीजों को निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श दे रहे हैं। महावीर मंदिर की ओर से मरीजों को तीनों समय भोजन-नाश्ता आदि निःशुल्क दिया जा रहा है। सरकार द्वारा निर्धारित दर पर कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

बता दें, महावीर आरोग्य संस्थान में कोरोना इलाज का शुभारंभ 7 मई को महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने किया था। उन्होंने कोरोना मरीजों की सेवा के लिए महावीर मन्दिर न्यास की ओर से संस्थान को दस लाख रुपये का अनुदान भी दिया। साथ ही कोरोना मरीजों की समर्पण भाव से सेवा करनेवाले चिकित्सकों और अस्पतालकर्मियों को महावीर मन्दिर की ओर से सम्मानित करने की घोषणा भी की है।

महावीर आरोग्य संस्थान में इलाज के बाद कोरोना को हराने वालों में बुद्धा कालोनी, पटना के शंकर सिंह, हाजीपुर की संजू देवी, सीआईएसएफ, बाढ़ के गौतम वर्मन और चिरैयाटाड़, पटना की रजनी शामिल हैं। चारों कोरोना योद्धाओं ने अस्पताल के डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए महावीर मन्दिर न्यास के प्रति आभार व्यक्त किया।

यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी। इसके लिए सेंट्रल डिस्पेंसरी में बेड, लाइफ सेविंग्स इक्यूपमेंट, ऑक्सीजन सिलेंडर एवं सभी जरूरी दवाओं की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए यूनिवर्सिटी के कंटीजेंसी फंड से राशि दी जायेगी। डिस्पेंसरी में डॉक्टरों एवं चिकित्सा कर्मी चौबीसों घण्टे तैनात रहेंगे। इसके लिए उनकी सात-सात घण्टे की रोस्टर ड्यूटी लगेगी।

उल्लेखनीय है कि पटना यूनिवर्सिटी के आधा दर्जन शिक्षकों की सांस अब तक कोरोना से टूट चुकी है। बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी तथा उनके परिवार के सदस्य संक्रमित हैं।