मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्हें अगले माह अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता नहीं दिया गया है। बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
क्या कुछ बोले उद्धव ठाकरे?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष ठाकरे को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर जाने के लिए मुझे न्योते की जरूरत नहीं है, क्योंकि रामलला सभी के हैं। मेरी सिर्फ एक ही विनती है कि राम मंदिर के उद्घाटन का राजनीतिकरण न हों। रामलला किसी एक पार्टी की प्रॉपर्टी नहीं हैं, बल्कि लाखों-करोड़ों भक्तों के आस्था और श्रद्धा का स्थान है। इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
‘राम मंदिर के निर्माण पर शिवसेना (UBT) को गर्व’
उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर के निर्माण कार्य पर खुशी जताते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण का फैसला सरकार ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। बाबरी निगारे का जो काम किया गया वो तो अब रहे नहीं बाकी, काफी थोड़े लोग रहेंगे… कुछ लोग अपने स्कूल की पिकनिक के लिए गए होंगे, उस उम्र के वो थे… लेकिन सारे लोगों का सहयोग इसमें (राम मंदिर निर्माण) है। इसलिए मेरा मानना है कि राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए खुशी और गर्व की बात है। उन्होंने कहा,
जब भी मेरे मन में आएगा मैं जरूर जाऊंगा। मुझे किसी न्योते की आवश्यकता नहीं है। अभी आज जाकर मैं दर्शन कर सकता हूं।
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद और पहले भी वहां (रामलला के दर्शन करने) पर गया था। मुझे किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। रामलला मेरे भी हैं और आपके भी, जो भी चाहे वहां पर जा सकता है।