पटना

बेगूसराय: डीईओ साहब ये क्या हो रहा है? इंटर नामांकन में तय शुल्क से 5 गुना अधिक राशि ली जा रही है


बेगूसराय (आससे)। डीईओ साहब आपके जिले में नामांकन का कोई पैमाना नहीं है आखिरकार यह क्या हो रहा है शिक्षा विभाग के तय शुल्क के विपरीत मनमाने ढंग से नामांकन शुल्क ली जारही है। छात्र हैं त्रस्त स्कूल प्रबंधन मस्त एक हजार से लेकर 5 हजार तक नामांकन शुल्क छात्रों से ली जारही है। वहीं कुछ ऐसे अनुदानित इंटर कॉलेज और +2 विद्यालय हैं जो रसीद भी छात्रों को नहीं दे रहे हैं। आखिरकार उन छात्रों की फरियाद कौन सुनेगा?  किसके आदेश पर मनमानी फीस वसूली की जा रही है अर्थात शिक्षा विभाग का आदेश को ठेंगा दिखाते हुए स्कूल एवं इंटर कॉलेज प्रबंधन खुद नामांकन का शुल्क तय कर रहे हैं।

बताते चले कि जिले में नामांकन के समय लिए जाने वाले फीस का कोई पैमाना तय नहीं है। खासकर प्लस टू स्कूल में मनमाने तरीके से फीस ली जारही है। अधिकांश स्कूल के प्रधान ने विभाग के निर्देश के विपरीत खुद से फीस निर्धारित कर ली है। जिसके कारण कहीं-कहीं छात्रों को निर्धारित फीस से दो गुणे से भी अधिक देने पड़ रहे हैं। कुछ स्कूल और कॉलेज फीस लेने के बाद उसकी सही रसीद नहीं देते हैं, जबकि कुछ तो अधिक राशि लिए जाने की रसीद तक जारी कर रहे हैं। वहीं जिले में स्थित स्वामी विवेकानंद उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय लोहिया नगर में सर्वाधिक फीस नामांकन में ली जा रही है। इस संदर्भ में जब स्कूल के प्राचार्य बातचीत किया तो उन्होंने बताया कि विज्ञान संकाय में 5500 रुपए तो वही वाणिज्य और कला संकाय में 4800 रुपये नामांकन शुल्क है।

मालूम हो कि बिहार सरकार द्वारा कला और वाणिज्य विषय के लिए कुल 875 जबकि विज्ञान और व्यावसायिक विषय के लिए 1155 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। जिसमें शिक्षण शुल्क कला/वाणिज्य के लिए 180 और विज्ञान/व्यावसायिक विषय के लिए 240, प्रयोगशाला के लिए विज्ञान के छात्रों के लिए 200, नामांकन के लिए 15-15, स्थानांतरण शुल्क 20-20, पत्र-पत्रिकाएं के लिए 20-20, खेलकूद के लिए 20-20, परीक्षा शुल्क के लिए 100-120, बिजली उपकरण के रख-रखाव के लिए 60-60, निर्धन छात्र कोष 10-10, पुस्तकालय 20-20, विद्यालय रख-रखाव 150-150, विविध 50-50, परिचय पत्र के लिए 20-20, फार्म प्रोस्पेक्टस के लिए 50-50 और विकास कोष के लिए 160-160 रुपए वार्षिक शुल्क लिए जाते हैं।

लेकिन ये सारे नियम विभागीय पत्र तक ही सीमित रह गए हैं। जिले के विभिन्न प्लस टू स्कूल और कॉलेजों में शुल्क को लेकर जब जानकारी ली गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। एक दो जगह छोड़कर अधिकांश जगह शुल्क में अनियमितता पाई गई। चमथा में आर्ट्स और साइंस के छात्र व छात्राओं से 2700 रुपया तक लिया जा रहा है। इसी प्रकार गढ़पुरा में विज्ञान संकाय में 1135, एससी, एसटी को 895, कला संकाय में 1005, एससी, एसटी को 825 रुपया लिया जा रहा था। इसी तरह एन एन सिन्हा प्लस टू विद्दालय मंसूरचक में विज्ञान संवर्ग में सामान्य को 1135 व एससी को 955, कला संवर्ग में सामान्य को 805 व एससी को 625 रुप एडमिशन में लिया जा रहा है।

अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों से लिया जाना है 695 और 915, लिया जा रहा है 1135-895। नावकोठी इंटरमीडिएट नामांकन में विज्ञान संकाय में सामान्य, पिछड़ा वर्ग कोटि के छात्रों से 1135 अनुसूचित कोटि, अतिपिछड़ा वर्ग कोटि के छात्रों से 895 जबकि कला संकाय में सामान्य, पिछड़ा वर्ग कोटि के छात्रों से 855 और अनुसूचित जाति, अतिपिछड़ा वर्ग कोटि के छात्रों से 675 रुपए लिया जा रहा है। बछवाड़ा के दो इंटरमीडियट स्कूल है राष्ट्रीय उच्च विद्यालय रानी जिसमे इंटर साइंस में नामांकन 1155 रुपया और दो सौ रुपया प्रेक्टिकल के नाम पर ले रहा है। वही आर्ट में 875में ले रहा है वही उच्च विद्यालय नारेपुर में साइंस में 1105 रुपया और आर्ट में 825 रुपया लिया जा रहा है। भगवानपुर प्रखंड के रघुनाथ हाई स्कूल दहिया में विज्ञान संवर्ग में सामान्य को 1085 व एससी को 845, कला संवर्ग में सामान्य को 805 व एससी को 625 रुपये नामांकन में लिया जा रहा है।

साहेबपुरकमाल में जौहरी लाल उच्च विद्यालय में इंटर में नामांकन कराने वाले छात्र संजीव कुमार, राहुल कुमार ने बताया कि यहां नामांकन शुल्क 1200 रुपए लिया जा रहा है। टी.एन. हाई स्कूल शालिग्रामी में बारहवीं में नामांकन कराने वाली छात्रा पलक कुमारी ने बताया कि उनसे नामांकन फार्म के लिए 1430 रुपए जबकि नामांकन चार्ज के नाम पर 1100 रुपए लिए गए हैं। इसी तरह प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय परोरा में भी इंटर में नामांकन कराने वाले छात्र-छात्राओं से 1200 रुपए लिया जा रहा है। कमोबेश यही स्थिति सभी छह विद्यालयों का है। जौहरी लाल उच्च विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य राम रतन यादव ने बताया कि इंटर के नामांकन में साइंस के सामान्य छात्र-छात्राओं से 1085 एवं एससीएसटी व ईबीसी 845 जबकि कला में सामान्य छात्र-छात्राओं से 805 एवं एससीएसटी व ईबीसी से 605 रुपये लिया जा रहा है।

इसी प्रकार बरौनी आरकेसी प्लस टू विद्यालय में सामान्य वर्ग के छात्रों से इंटर साइंस में 1150 जबकि आर्ट्स में 1050 लिया जा रहा है। एपीएसएम कॉलेज में छात्रा से 300 जबकि छात्र से 900 रुपए लिया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जो छात्र संगठन छात्र हित में कार्य करने के दावे करते हैं तो इस तरह के मनमाने शुल्क को लेकर आवाज बुलंद क्यों नहीं कर रहे हैं। क्या शिक्षा विभाग के अधिकारी मनमाने शुल्क पर लगाम लगाएंगे या फिर मौन रहेंगे।