Post Views: 1,312 ओशो अपनी आंखें बंद कर लो और अपनी रीढ़को आंखोंके सामने लाओ। इसका निरीक्षण करो और इसके बीचोंबीच एक तंतुको देखो, कमलके तंतु जैसा नाजुक, तुम्हारी रीढ़के खंभेमेंसे गुजर रहा है। रीढ़में बीचोंबीच एक रुपहला धागा है, यह शारीरिक तंतु नहीं है। यदि इसे खोजनेके लिए आपरेशन करोगे तो इसे नहीं पाओगे। […]
Post Views: 1,448 सदानन्द शास्त्री अंतर्यात्राके पथपर चलनेवाले योग साधकमें सतत सूक्ष्म परिवर्तन घटित होते हैं। उसका अस्तित्व सूक्ष्म ऊर्जाओंके आरोह-अवरोह एवं अंतर-प्रत्यंतरकी प्रयोगशाला बन जाता है। योग साधकके लिए यह बड़ी विरल एवं रहस्यमय स्थिति है। ध्यानकी प्रगाढ़तामें होनेवाले इन सूक्ष्म ऊर्जाओंके परिवर्तनसे जीवनकी आंतरिक एवं बाह्य स्थिति परिवर्तित होती है। इन ऊर्जाओंमें परिवर्तन […]
Post Views: 625 बाबा हरदेव महापुरुष हर पल अपने जीवनमें साधसंगतको महत्ता देते है। कोई भी मौका हो, आपके लिए सबसे पहले साधसंगतका सहारा है। साधसंगतका मिलाप ही है जो जीवनकी नैयाको डोलनेसे बचाता है। निरंतर गुरमुख इस साधसंगतकी अपने मनमें कद्र बनाकर रखते हैं। कद्र वही जान सकता है, जिसको इस चीजकी कीमतका पता […]