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अनुकंपा नियुक्ति के लिए बेटी को हाईकोर्ट में वाद दायर करने की महिला आयोग ने दी सलाह


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*पीड़ित बेटी को न्याय के लिए आयोग की ओर से वकील उपलब्ध कराने की पेशकश*

*आयोग की समझाइश पर आवेदिका को दो एकड़ जमीन सहित बच्चों के स्कूल फीस देने अनावेदक पति हुआ तैयार*

*बस्तर जिले की सुनवाई में महिला आयोग की नवनियुक्त बालो बघेल का किया गया स्वागत*

जगदलपुर, 16 फर/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक आयोग की सदस्य श्रीमती बालो बघेल सहित आयोग के सचिव आनन्द प्रकाश किस्पोट्टा एवं सहायक संचालक श्रीमती पुष्पा किरण कुजूर ने आज बस्तर जगदलपुर के प्रेरणा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने अपने कार्यकाल की आज 161 वीं जनसुनवाई की।
सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में अनावेदिका ने बताया कि उनके द्वारा आवेदिका के विरूद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है, आवेदिका से पूछे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया कि उनके विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज हुआ है, और वे जमानत पर हैं। आवेदिका ने बताया कि उसकी शिकायत थाना में दर्ज नहीं किया और भादवि 155 धारा का फैना काटकर दे दिया गया, आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दिया गया कि वह चाहे तो अनावेदिकागणों के विरूद्ध न्यायालय में अपराधिक प्रकरण दर्ज करवा सकती है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पिता स्वास्थ्य विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्यरत् है। व उनकी मृत्यु वर्ष 2013 में हुई थी। आवेदिका 10 वर्ष से अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रही है अभी तक उसे नियुक्ति नही मिली है। अनावेदक तत्कालिन सीएमएचओ ने बताया कि शासन के नियम की त्रुटि के वजह से आवेदिका को अनुकंपा नियुक्ति नही मिली है क्योकि वर्ष 2013 के पहले जिनकी मृृत्यु हुयी है उनके लिये वार्षिक 60 हजार रूपये वेतन वाले परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति नही किया जा सकता था, वर्ष 2013 के बाद यह नियम मे संशोधन किया गया है जिसके वजह से आवेदिका को लाभ नही मिल पाया है, आवेदिका ने बताया कि वर्ष 2013 में ही अन्य पीड़ित परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति मिल गयी है, जिसकी जानकारी आवेदिका ने आयोग को बताया। आवेदिका के बताये अनुसार दस्तावेजों को उच्च न्यायालय मे अनुकंपा नियुक्ति के इस आदेश और नियुक्त किये गये परिवारों को पक्षकार बनाकर एक नई याचिका उच्चन्यायालय मे प्रस्तुत करने के निर्देश आवेदिका को दिये गये।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका की ओर से अनावेदक की मृत्यु प्रमाणपत्र आयोग को प्रेषित किया गया है, जिसके आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसकी बेटी व 2 बेटे जो तीसरी और पांचवी मे पढ़ते हैं सभी का स्कूल फीस 40 हजार रूपये जमा नहीं होने पर परीक्षा में बैठने नही दिया जायेगा। अनावेदक पति हर बार बहाना बनाता है पैसा दूंगा बोलकर गायब हो जाता है आज की सुनवाई में अनावेदक थाना प्रभारी के माध्यम से उपस्थित हुआ है और अनावेदक की दूसरी औरत सुनवाई में उपस्थित नही हुई है जबकि आवेदिका ने स्वास्थ्य विभाग से दस्तावेज प्रस्तुत किया है जिसमें अनावेदिका दूसरी औरत और अनावेदक पति का नाम है कि वह गर्भवती है यह जानकारी मिली है और अनावेदक पति उसके गायब होने की जानकारी देता है अनावेदिका सास स्वीकार की है उसकी 2 बहु है। आवेदिका का कथन है कि अनावेदक को जब सुनवाई मे बुलाया जाता है तो वह अनावेदक पति दूसरी औरत को लेकर भाग जाता है अनावेदक पति ने आज आयोग के समक्ष स्वीकार किया है कि वह 4 एकड़ में मक्का लगाया है वह 4 माह में तैयार हो जायेगा और फसल का पूरा पैसा आवेदिका को देगा व बच्चों की पढ़ाई व परीक्षा फीस जमा करने के लिए प्रिंसिपल से मोहलत मांगेगा। इसके बाद 1 एकड़ खेत आवेदिका के नाम पर कर देगा इस स्तर पर आवेदिका कहना है कि अनावेदक के पास 10 एकड़ जमीन है और अनावेदक का कथन है कि 5 एकड़ कृषि भूमि के 5 हिस्सेदार हैं आयोग की समझाइश पर 2 एकड जमीन आवेदिका को देने तैयार हुआ चूंकि अनावेदक हर बार झूठी बाते आयोग के समक्ष कहकर बाद में गायब हो जाता है। इस प्रकरण मे जिला संरक्षण अधिकारी नवा बिहान को निगरानी में देते हुये आवेदिका व अनावेदक के गांव जाकर थाना प्रभारी की उपस्थिति में दोनो पक्षों के मध्य ग्राम पंचायत प्रमुखों को बुलाकर दस्तावेज तैयार करायें व आवेदिका को 2 एकड़ जमीन को चिन्हाकिंत कराकर दिलवाने मे सहयोग करें साथ ही मक्के की फसल कटने की स्थिति में अवधि में आवेदिका के फसल अनावेदक से दिलवाना सुनिश्चित करे। अनावेदक अगर इस प्रक्रिया में सहयोग नही करता है तो अनावेदिका दूसरी औरत और सास दोनो को नारी निकेतन भेजने की कार्यवाही किया जायेगा। ताकि आवेदिका के इस प्रकरण का निराकरण हो सके। जिला संरक्षण अधिकारी नवा बिहान को इस प्रकरण में संपूर्ण प्रक्रिया कर आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने प्रकरण की जानकारी दिया कि अनावेदक के खिलाफ आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत की थी जिसमें ‘‘मोस्ट डिफाल्टर’’ कहा गया जहां दोनो के मध्य समझौता बना था उसके बाद आवेदिका को टारगेट कर परेशान किया जा रहा है आवेदिका ने दस्तावेज आयोग में प्रस्तुत किये हैं। अनावेदक का कथन है कि आठ-आठ महीने से आवेदिका ड््यूटी नहीं जाती है आठ महीने से बैठक में नही आ रही है जिसके खिलाफ एक दिन का वेतन काटने का आदेश व उनके सेवा पुस्तिका में इन्द्राज करने का आदेश हुआ है जिससे आवेदिका पीड़ित है जिससे उसे भय है कि अनावेदक माह मई में रिटायरमेंट के पूर्व पुनः परेशान कर सकते हैं। इस स्तर पर अनावेदक ने बताया कि विभाग में वह एक वरिष्ठ अधिकारी है संभाग स्तर पर उनके उपर कमिश्नर राजस्व के वरिष्ठ अधिकारी है। आयोग की ओर से कमिश्नर राजस्व को पत्र भेजा जायेगा जिसमें आवेदिका के प्रकरण में अनावेदक वर्तमान में ज्वाइन डायरेक्टर बस्तर है और स्वास्थ्य विभाग बस्तर डिवीजन मेे है जिससे इस बात की पूरी संभावना है कि अनावेदक बदले की भावना से कार्यवाही दोबारा कर सकते हैं, आवेदिका के सेवा पुस्तिका में इंद्राज करने का आदेश उनके द्वारा दिया गया है, इस पर त्वरित कार्यवाही कर उसकी रिपोर्ट एक माह में प्रस्तुत करने निर्देशित किया जायेगा।