Latest News TOP STORIES राष्ट्रीय

अर्थव्यवस्थाको गति देने वाला बजट


डीजल-पेट्रोलपर कृषि बुनियादी ढांचा-विकास सेस

आयकर ढांचेमें बदलाव नहीं, सोना-चांदी पर घटा सीमा शुल्क

७५ सालसे अधिक उम्रके बुजुर्गोंको नहीं करनी होगी रिटर्न फाइल

मध्यम वर्गको मिली निराशा, खुलेंगे सौ सैनिक स्कूल

नयी दिल्ली (संजय राय)। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में नये दशक का पहला बजट पेश किया। कोरोना संकट के बाद पेश किया गया यह बजट मायने में भी ऐतिहासिक रहा कि यह पहला डिजिटल बजट था। बजट में वित्तमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें राष्ट्र पहले, किसानों की आय दोगुनी करने, मजबूत अवसंरचना, स्वस्थ भारत, युवाओं के लिये अवसर, सबके लिये शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास के संकल्प को मजबूती देने का प्रयास किया गया है। बजट में कृषि बुनियादी ढांचा एवं विकास सेस का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर अधिभार लगाये जाने का प्रस्ताव है। आज लोकसभा में वित्तवर्ष 2011-22 के लिये केंद्रीय बजट पेश करते हुये वित्तमंत्री ने कहा कि यह बजट 6 स्तम्भों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की गयी है। बजट में स्वास्थ्य एवं खुशहाली के लिये कुल 137 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है। उन्होंने घोषणा की कि आगामी 6 वर्षों में 64180 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू की जायेगी। इसके तहत 17788 ग्रामीण और 11024 शहरी स्वास्थ्य एवं वेलनेश केंद्रों के लिये आवश्यक सहायता दी जायेगी। निर्मला सीतारमण ने बताया कि बजट में कोविड-19 वैक्सीन के लिये 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि पोषण तत्वों को बढ़ाने के साथ-साथ इनकी डिलीवरी, पहुंच एवं परिणाम को बेहतर करने के लिये पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का आपस में विलय करके मिशन पोषण-2.0 को शुरू किया जायेग। सभी 112 जिलों में पोषण संबंधी परिणामों को बेहतर करने के लिये सरकार एक गहन रणनीति अपनायेगी। वित्तमंत्री ने घोषणा की कि 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्शनों के साथ सभी 4378 शहरी, स्थानीय निकायों में सार्वभौमिक जलापूर्ति के लिये जल जीवन मिशन का शुभारंभ किया जायेगा। इसके साथ ही 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट का प्रबंधन किया जायेगा, जिसे 2 लाख 87 हजार करोड़ रुपये के साथ पांच वर्षों में कार्यान्वित किया जायेगा। इसके अलावा 2021-26 तक के पांच वर्षों में 1 लाख 41 हजार 678 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय आवंटन के साथ शहरी स्वच्छ भारत मिशन को कार्यान्वित किया जायेगा। वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये 10 लाख से अधिक आबादी वाले 42 शहरी केंद्रों को 2217 करोड़ रुपये उपलब्ध करायी जायेगी।   वित्तमंत्री ने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये देश के विनिर्माण क्षेत्र को निरंतर दहाई अंकों में वृद्धि दर हासिल करनी होगी। इसके लिये सरकार ने अगले पांच वर्षों में लगभग 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस पहल से महत्वपूर्ण सेक्टरों में व्यापक उत्पादन दर हासिल होगी और देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। वस्त्र उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये मित्र नाम की एक योजना शुरू की जायेगी और तीन वर्षों में सात वस्त्र पार्क स्थापित किये जायेंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2019 में घोषित राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन परियोजना का विस्तार कर दिया गया है और अब इसमें 7400 परियोजनाएं हैं। उन्होंने अवसंरचना क्षेत्र पर भरोसा व्यक्त करते हुये कहा कि इसके लिये दीर्घकालीक ऋण वित्तपोषण की आवश्यकता है, जिसके लिये एक विधेयक के माध्यम से डीएफआई की स्थापना की जायेगी। बजट में डीएफआई से लाभ उठाने के लिये 20 हजार करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करने के लिये एक राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन की शुरुआत की जायेगी। उन्होंने घोषणा की कि मार्च 2022 तक सरकार 8500 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिये ठेके दिये जायेंगे। इसके साथ ही 11 हजार किलोमीटर और लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारे का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा। सड़क अवसंरचना का और अधिक विस्तार करने के लिये कई और आर्थिक कॉरिडोर की योजना बनायी जा रही है। उन्होंने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिये 1 लाख 8 हजार 230 करोड़ रुपये का विस्तारित परिव्यय बजट में आवंटित किया है। वित्तमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के तहत भविष्य के लिये तैयार रेलवे तंत्र का सृजन किया जाना है। बजट में रेलवे के लिये 1 लाख 10 हजार 55 करोड़ रुपये की रिकार्ड राशि प्रदान की गयी है, जिसमें 1 लाख 7 हजार 100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिये है। उन्होंने बताया कि सरकार मेट्रो रेल नेटवर्क के साथ-साथ सिटी बस सेवा के विस्तार के जरिये शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से एक नयी योजना शुरू करेगी। टियर टू और टियर 1 शहरों के लिये दो नयी तकनीक से युक्त रेल प्रणालियां मेट्रो लइट और मेट्रो नियो शुरू की जायेगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आगामी पांच वर्ष में विद्युत अवसरंचना क्षेत्र में सुधार के लिये 3 लाख 5 हजार 984 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग के लिये बजट में 3 हजार 624 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गयी है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की उज्जवला योजना का विस्तार 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों तक किया जायेगा। अब तक इसका लाभ 8 करोड़ परिवारों को मिल चुका है। अगले तीन वर्ष में शहरी गैस वितरण नेटवर्क में 100 अतिरिक्त शहारों को जोड़ा जायेगा और जम्मू कश्मीर में एक गैस पाइप लाइन गैस परियोजना शुरू की जायेगी। वित्तमंत्री ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि विनिवेश एवं रणनीतिक बिक्री का काम जारी रहेगा। आईडीबीआई बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण भी चालू वित्त वर्ष में पूरा करने का प्रस्ताव है। सरकार चालू वित्त वर्ष में जीवन बीमा निगम का आईपीओ भी लायेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे चार क्षेत्र चुने गये हैं, जो रणनीतिक हैं, जहां सीपीएसई में न्यूनतम हिस्सेदारी बरकरार रखी जायेगी और बाकी का निजीकरण कर दिया जायेगा। वित्तमंत्री ने आकांक्षी भारत के लिये समावेशी विकास के अंतर्गत कृषि एवं सहायक क्षेत्रों, किसान कल्याण और ग्रामीण भारत प्रवासी मजदूर व श्रम तथा वित्तीय समावेशन को शामिल करने की घोषणा की है। उन्हेांने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। किसानों के भुगतान में बढ़ोत्तरी का दावा करते हुये उन्होंने कहा कि अभी तक 1241 गांवों के लगभग 1.80 लाख संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। चालू वित्त वर्ष में इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा। उन्हेांने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष के लिये आवंटन को 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह नाबार्ड के अंतर्गत 5 हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ बनाये गये सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कृषि और सहायक उत्पादों में मूल्य संवर्धन एवं उनके निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिये आपरेशन ग्रीन योजना के दायरे में अब 22 जल्द सडऩे वाले उत्पाद शामिल होंगे। अभी तक इसमें सिर्फ टमाटर, प्याज और आलू को शामिल किया गया था। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कृषि मंडियों को अपनी अवसंरचना सुविधाएं बढ़ाने के लिये कृषि अवसंरचना कोष उपलब्ध कराया जायेगा। वित्तमंत्री ने कमजोर वर्गों के लिये स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत नकदी प्रवाह सहायता को आगे बढ़ाया जायेगा। इसके लिये मार्जिंग मनी की जरूरत को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिये ऋणों को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में एमएसएमई क्षेत्र के लिये 15 हजार 700 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं जो इस वर्ष के बजट अनुमान से दो गुने से भी अधिक हैं।  वित्तमंत्री ने मानव पूंजी को मजबूत बनाने के लिये घोषणा की है कि एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों की भागीदारी में 100 नये सैनिक स्कूल स्थापित किये जायेंगे। इसके अलावा एक भारतीय उच्च शिक्षा आयोग भी स्थापित किया जायेगा। लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने की घोषणा की गयी है। सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में 750 एकलव्य माडल आवासीय स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे स्कूलों की लागत को 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये तथा पहाड़ी क्षेत्रों के लिये 48 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात और जापान के साथ कौशल विकास भागीदारी की तर्ज पर अधिक देशों को जोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि जुलाई 2019 के बजट भाषण में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान की घोषणा की गयी थी। उन्होंने कहा कि आगामी 5 वर्षों के लिये इसके तहत 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि अंतरीक्ष विभाग कुछ छोटे भारतीय उपग्रहों के साथ ब्राजील से एमेजोनिया उपग्रह ले जाने वाले पीएसएलवी-सीएस 51 को लांच करेगा। गंगायन मिशन के तहत पहला मानवरहित लांच दिसम्बर 2021 में होने वाला है। वित्तमंत्री ने आयकर रिटर्न भरने में वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुये आयकर प्रक्रियाओं के समय सीमा में कमी, विवाद समाधान समिति के गठन की घोषणा, फेसलेस आईटीएटी, एनआरआई को छूट, लेखा परीक्षा छूट की सीमा में वृद्धि और लाभांश आय के लिये भी राहत प्रदान की है। उन्होंने देश में बुनियादी ढांचे में विदेशी निवेश का आकर्षित करने, सस्ते और किराये के आवासों के लिये राहत, आईएफएससी के लिये कर प्रोत्साहन, छोटे चैरिटेबल ट्रस्टों को राहत और स्टार्ट अप्स प्रोत्साहन जैसे कदमों की घोषणा की है। आयकर स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में रिकार्ड जीएसटी संग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि जीएसटी को और सरल बनाने तथा इसकी विसंगतियों को दूर करने के लिये सभी संभव उपाय किये जायेंगे। सीमा शुल्क नीति का उल्लेख करते हुये वित्तमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 400 से अधिक पुरानी रियायतों की समीक्षा की जायेगी और 1 अक्टूबर 2021 से संशोधित सीमा शुल्क संरचना स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि अब से सीमा शुल्क में कोई नयी रियायत इसके जारी होने की तिथि से दो वर्ष के बाद 31 मार्च तक वैध होगी। उन्होंने घरेलू मूल्यवर्धन के लिये चार्जरों के कलपुर्जों और मोबाइल के सब-पाट्र्स से कुछ रियायतें वापस लेने की घोषणा की। इसके अलावा गैर मिश्र धातु, मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील के उत्पादों पर सीमा शुल्क एक समान रूप से 7.5 प्रतिशत कम करने की घोषणा की। वित्तमंत्री ने कई तरह के धागों पर बीसीडी दरों को समान रूप से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषणा की। सोलर पैनलों और सोलर सेल के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिये सोलर इनवर्टरों पर शुल्क को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा सोलर लालटेन पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने टनल बोरिंग मशीन और कुछ आटो पाट्र्स सहित कुछ सामानों पर शीघ्रता से शुल्क दरों में संशोधन की घोषणा की। बजट में स्टील स्क्रू और प्लास्टिक बिल्डर वेयर पर शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया गया है। वित्तमंत्री ने किसानों को लाभ देने के लिय कपास पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा की। डीनेचर्ड एथेनाल पर उपयोग आधारित छूट को वापस ले लिया गया है। छोटे सामानों पर कृषि बुनियादी ढांचे और विकास शुल्क का प्रस्ताव है। एडीडी और सीईडी शुल्कों के प्रावधानों में बदलाव किया गया है। सीमा शुल्क जांच को पूरा करने के लिये निश्चित समय सीमा निर्धारित की जायेगी।