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असम-मिजोरम हिंसा: कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को रोका गया, केंद्र ने की बैठक


  • नई दिल्ली: असम-मिजोरम सीमा पर हिंसक झड़पों के बाद अंतरराज्यीय सीमा विवाद की स्थिति की समीक्षा में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मिजोरम के मुख्य सचिव और डीजीपी एसबीके सिंह से भी मुलाकात की। दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच गोलीबारी में घायल होने के बाद एक IPS अधिकारी को सर्जरी के लिए मुंबई ले जाया गया।

समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि कछार के ढोलई में भूपेन बोरा, देवव्रत सैकिया और अन्य सहित कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने रोका दिया। पुलिस ने कहा कि ‘स्थिति तनावपूर्ण’ है और ऐसे में किसी को वहां नहीं दिया जा सकता।

इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा, ‘हमने कहा था कि हम लैलापुर बाजार तक ही जाएंगे, हम सीमा पर नहीं जाएंगे। इसके बावजूद हमें 5 किमी पहले रोका गया।’

असम-मिजोरम सीमा की स्थिति पर बोलते हुए, असम में कछार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रमनदीप कौर ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है और वरिष्ठ स्तर पर बातचीत की जा रही है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), एक तटस्थ बल के रूप में, सीमा पर तैनात है। उन्होंने कहा, “असम और मिजोरम बल क्रमशः अपने-अपने जगह पर मौजूद हैं। केवल क्षेत्र के निवासियों को ही जाने की अनुमति है।”

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने की ‘सौहार्दपूर्ण समाधान’ की अपील

इस बीच, मिजोरम के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि सीएम जोरमथांगा वर्तमान में कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) प्रोटोकॉल के अनुसार क्‍वारंटीन में हैं और वह शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता वाले बैठकों और साक्षात्कारों में शामिल नहीं हो पाएंगे।