आज़मगढ़

आंगनबाड़ीका दूध पीनेसे जुड़वा बच्चोंकी मौत


परिजनोंमें हाहाकार, ग्रामीणोंने कब्रिस्तानपर किया घंटों प्रदर्शन
मामलेकी होगी उच्च स्तरीय जांच
आजमगढ़। मुबारकपुर थाना क्षेत्र के काशीपुर गांव में आंगनबाडी से मिले दूध को पीने से जुड़वां बच्चों की मौत हो गई। शनिवार को सुबह दोनों बच्चों को मृत हाल में देखने के बाद जहां परिजनों में हाहाकार मच गया, वहीं ग्रामीणों ने इसे लेकर कब्रिस्तान पर घंटों प्रदर्शन किया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देने पर किसी तरह तरह से लोग माने और शव को दफनाया जा सका। परिजनों के अनुसार रात में एक बजे आंगनबाड़ी से मिला पैकेट का दूध पिलाया गया था, मौके पर पंहुचे चिकित्सकों ने फुड पाइंजनिंग या दम घुटने से बच्चों के मरने का अंदेशा व्यक्त किया है। पूछताछ के दौरान यह सच सामने आया कि काशीपुर निवासिनी मधुबाला पत्नी दिवाकर राम को दो माह पूर्व निजी अस्पताल में जुड़वां बच्चे पैदा हुए थेे। परिजनों के अनुसार जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ थे। रात एक बजे मधुबाला ने दोनों बच्चों को आंगनबाड़ी से मिले पैकेट के दूध का घोल बनाकर पिलाया, और सो गई। शनिवार की सुबह चार बजे देखा तो उसके होश उड़ गए। दोनों मासूम बच्चे मृत हाल में पड़े थे। ऐसे में वह जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगी। उसके चीखने-चिल्लाने पर आस पास के लोग एकत्रित हो गए और घटना की जानकारी ग्राम प्रधान कमला देवी, आशा बहू, आंगनबाड़ी कार्यकत्री को दी। मौके पर पंहुचे लोग घटना से अवगत हुए तो आनन-फानन में लगभग 30 परिवारों में वितरित किये गए दूध को प्रयोग करने से मना किया। ग्रामीणों की सुचना पर स्वास्थ्य केन्द्र सठियांव के प्रभारी डा0 बृजेश कुमार, डा0 प्रशांत कुमार राय व डा0 अलीम अख्तर ने मौके का मुआइना कर बताया कि मौत का मूल कारण शव के पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा, वैसे प्रथमदृष्टया बच्चों की मौत का कारण दम घुटने या फूड प्वाइजनिंग का हो सकता है। फिलहाल रोते-बिलखते परिजन शव को दफनाने के लिए उसे लेकर गांव के कब्रिस्तान पर पहुंचे तो वहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी पहुंच गए। इन सभी ग्रामीणों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा पोस्टमार्टम के बाद ही शव दफनाने की बात कही। अपनी मांगों को लेकर कब्रिस्तान पर ही ग्रामीणों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन की सूचना से लोगों ने प्रशासन को अवगत कराया। यह अलग बात है कि प्रदर्शन शुरू होने के घंटों बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। ऐसे में किसी तरह से लोग माने और पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जा सका। इस अवसर पर मुख्य रूप से ग्राम प्रधान कमला देवी, आशा कार्यकत्री विद्यावती देवी, राधिका, महेंद्र, वकील, प्यारेलाल आदि उपस्थित रहे।
मां बनी बेसहारा, अधिकारियोंने पल्ला झाड़ा
आजमगढ़। दो मासूमों की मौत के बाद एक तरफ जहां एक मां बेसहारा हो गयी है, वहीं अधिकारियों ने इस मामले में पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। यह अधिकारी जांच करके कार्रवाई किए जाने की बात तो कर रहे हैं मगर उनकी ओर से यह भी कहा जा रहा है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की ओर से बंटने वाला यह दूध छह माह से अधिक उम्र के ही बच्चों को पिलाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में यह साफ है कि इस मामले में किसी के भी खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होगी। इस घटना के बाबत पूछे जाने पर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके राय ने कहा कि आंगनबाड़ी का दूध पीने से जुड़वा बच्चों की मौत होना दर्दनाक घटना है। साथ ही यह मामला काफी गंभीर भी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भी इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है। श्री राय ने कहा कि यह गंभीर घटना जांच का विषय है और इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह बात सभी को मालूम होनी चाहिए कि आंगनबाड़ी की ओर से जिस दूध का वितरण किया जाता है, उस पर साफ लिखा होता है कि इसको छह माह से अधिक उम्र के ही बच्चों को पिलाया जाना चाहिए।