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आंदोलन के 7 माह पूरे: यूपी के किसान नेता बोले- अघोषित इमरजेंसी लगी है, गेहूं मंडियों में सड़ रहा है


  • दिल्ली/लखनऊ। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुए किसान संगठनों के आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए हैं। आज देश के कई हिस्सों में किसान संगठनों के अगुआ प्रदर्शनकारियों से आंदोलन तेज करने का आवाह्न कर रहे हैं। दिल्ली-हरियाणा के सीमाई इलाकों में दूर-दराज के हजारों किसान जुट रहे हैं। वहीं, देश के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी आज विरोध-प्रदर्शन देखा गया।

यूपी की राजधानी में भी विरोध-प्रदर्शन

लखनऊ में किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार को कोसा। राजेश सिंह ने कहा, “देश में 1 साल से अघोषित आपातकाल लगा है। हमें ऐसे हालतों में नहीं जीना। इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे।”

किसान नेता राजेश ने यह भी कहा कि, सरकार की जिद की वजह से ही किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है। अन्नदाता अनाज उगाए और फिर ऐसे खराब हो, यह क्यों होने दिया जा रहा है।”

आज देशभर में सौंपे जाएंगे ज्ञापन: भाकियू

वहीं, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की ओर से कहा गया है कि, आज देशभर में ज्ञापन सौंपे जाएंगे। गाजीपुर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश) बॉर्डर पर बीकेयू की युवा विंग के अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि, हम आज देश भर के राज्यपालों (नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने के लिए) को ज्ञापन सौंपेंगे। हालांकि, इस दौरान संयम पूरा बरतेंगे और आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।