News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

आज शाम मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद का विस्तार, कई नए चेहरे होंगे शामिल


  • नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (मोदी सरकार 2) का पहला विस्तार बुधवार को होने वाला है। इस बहुप्रतीक्षित विस्तार एवं पुनर्गठन के लिए बुधवार शाम 5 से 6 बजे का समय मुकर्रर किया गया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मंत्रिपरिषद में करीब 20 नए चेहरे शामिल होने की उम्मीद है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इसमें युवाओं को तरजीह दी जाएगी। नए मंत्रियों को शाम करीब साढ़े पांच बजे राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे।

30 मई 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में 57 मंत्री बनाए गये थे। इनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 24 राज्यमंत्री शामिल थे। बाद में शिवसेना और शिअद के राजग से अलग होने के कारण अरविंद सावंत और हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दिया था। लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन के कारण कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई। रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी की गत वर्ष कोविड के कारण मृत्यु होने के कारण कुल 53 मंत्री रह गए। थावर चंद गहलोत की राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के बाद मंत्रियों की संख्या 52 रह जाएगी।

संगठन में भेजे जाएंगे कुछ मंत्री

मंत्रिपरिषद विस्तार के साथ ही कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजे जाने की भी चर्चा है। संविधान के मुताबिक केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सदस्यों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है। इस प्रकार से अधिकतम 29 नये मंत्री शामिल किये जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक भाजपा एवं सहयोगी दलों के सभी सांसदों को इस सप्ताह दिल्ली में रहने को कहा गया है। मंत्रिपरिषद में जदयू, अन्नाद्रमुक, अपना दल और लोजपा के नए धड़े को भी जगह मिल सकती है।

सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को मंत्रिपरिषद के भावी फेरबदल और विस्तार में शामिल किया जा सकता है, उनमें सर्वानंद सोनोवाल, तीरथ सिंह रावत, सुशील मोदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरुण गांधी, भूपेन्द्र यादव, कैलाश विजयवर्गीय, प्रवीण निषाद, रामशंकर कठेरिया, बैजयंत पांडा, नारायण राणे, रीता बहुगुणा जोशी, हिना गावित, सुनीता दुग्गल, जामयांग सेरिंग नामग्याल, अनुप्रिया पटेल, आरसीपी सिंह आदि के नाम चर्चा में है। अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की है। मोदी मंत्रिमंडल में आधा दर्जन मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास दो से अधिक मंत्रालय हैं। ऐसे मंत्रियों का बोझ हल्का किया जा सकता है।