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आदिवासी सीटों को साधने के लिए मेवाड़ के युवाओं से संवाद कर सकते हैं राहुल गांधी


उदयपुर,  देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करार हार के बाद कांग्रेस का चिंतन शिविर आगामी 13 से 15 मई के बीच उदयपुर में होने जा रहा है। इसमें गुजरात और उसके बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चिंतन किया जाना है। ऐसे में मेवाड़ सहित प्रदेश की आदिवासी सीटों को साधने के लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आदिवासी युवाओं से संवाद कर सकते हैं। जिसके जरिए कांग्रेस प्रदेश की 25 और गुजरात की 27 आदिवासी सीटों के साथ मध्य प्रदेश की आदिवासी सीटों को भी साध सकती है। इसके लिए कांग्रेस की ओर से तैयारी जारी है। आदिवासियों से संवाद का कार्यक्रम उदयपुर जिले के सलूूंबर या उसके आसपास संभव है।

37 साल पहले पिता राजीव गांधी ने किया था आदिवासियों से संवाद, कांग्रेस को मिली थी सफलता

इससे पहले राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी 37 साल पहले आठ अगस्त, 1985 को खेरवाड़ा के धनोल गांव आए थे और वहां उन्होंने आदिवासियों से संवाद कार्यक्रम रखा था। स्थानीय आदिवासियों से बातचीत के बाद उन्होंने इंदिरा आवास योजना, कुटीर ज्योति योजना सहित कई योजनाएं लांच की थी, जिसके चलते तब कांग्रेस को मेवाड़ में भारी समर्थन मिला था। पिछले दो विधानसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि मेवाड़ जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, वहां पार्टी का जनाधार लगातार गिरता गया। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मेवाड़ की 28 सीटों में से कांग्रेस को महज दस सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस तरह कांग्रेस अपने गढ़ माने जाने वाले मेवाड़ में काफी कमजोर हो गई। अब इसे नए सिरे से साधने की जरूरत है। तेरह मई, 2018 को राहुल गांधी उदयपुर आए थे, लेकिन वह स्थानीय कांग्रेसियों में उतनी जान नहीं फूंक पाए, जिसकी उसे जरूरत है। ऐसे में कांग्रेस अपनी खोई ताकत को वापस पाने के लिए राहुल गांधी को आदिवासियों से मिलाने और उनसे संवाद कराने की व्यवस्था में जुटी है।