Post Views: 683 ओशो परम लक्ष्यकी प्राप्तिके जो मार्ग बताये गये हैं, उनमें बड़ी भिन्नता है। मूल तत्व एक है, परन्तु कहनेका ढंग अलग-अलग है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि मार्गमें कहां-कहां अटकनेकी संभावना है ताकि हम मीलके पत्थरोंको पड़ावके रूपमें ही जानें, उन्हें मंजिल समझनेकी भूल न हो। संसारके लिए परम सत्यकी ओर […]
Post Views: 356 बाबा हरदेव साधसंगत, कामधेनु हुआ करती है, यह अपना फल दिये जाती है। लेकिन जरूरत होती है निमाणा बनने की। जैसे एक सज्जन थे। उन्होंने किसीको पानी भरनेके लिए नलपर भेजा। काफी इन्तजार की गयी तो वह बहुत व्याकुल हो उठे और सोचने लगे, देरी क्यों हो गयी। नल तो थोड़ी दूरपर […]
Post Views: 541 डा. वरिंदर भाटिया प्रधान मंत्रीने राष्ट्रको संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य प्रवासी मजदूरोंका भरोसा जगाये रखें और उनसे आग्रह करें कि वह जहां हैं, वहीं रहें। लेकिन जमीनी वास्तविकता यह है कि देशमें कोरोनाके बढ़ते कहर और लाकडाउनकी आशंकासे परेशान प्रवासी मजदूर एक बार सामाजिक सुरक्षाकी कमजोरीके कारण फिर पलायन […]