सम्पादकीय

ईश्वरीय शक्ति


श्रीश्री रवि शंकर

हम सभीने इस धरतीपर कुछ नया और अनोखा कार्य करनेके लिए जन्म लिया है। इस अवसरको किसी भी हालमें भी न गवायें।  स्वयंको कुछ बड़ा सोचने और सपने देखनेकी आजादी आपको देनी ही चाहिए। जो चीज आपको प्रिय है, वह सपने जिन्हें आप पूरा करना चाहते हैं। उनके लिए आपके पास साहस होना अत्यंत आवश्यक है। कुछ रचनात्मक करना प्रारंभ कीजिए। कभी आपने सोचा है कि सफलता क्या है। सफलता केवल अपनी क्षमताओंका ज्ञान होना ही है। आपकी अंदरूनी शक्तिका आभास होना ही सफलता है। आपको लगता है कि आप बस इतना ही कर सकते हैं। यदि बाधाएं हैं तो आपको अपने उद्देश्योंके प्रति सजग रहना चाहिए। शांत मस्तिष्कके साथ अपने जीवनमें आनेवाले विभिन्न अवसरोंके विषयमें सोचें। आपको समझना चाहिए कि असफलता केवल आपको सफलताकी ओर आगे धकेलनेके लिए एक पत्थर भर है। दरअसल जीवनमें असफलता जैसा कुछ नहीं होता। जिसे आप हार या असफलता मानते हैं वह एक पत्थर है जिससे ठोकर खाकर आप आगेकी ओर चलते हैं। यदि आपको लगता है कि मार्गमें आनेवाली बाधाएं बहुत बड़ी हैं। याद रखें प्रार्थनाएं चमत्कार कर सकती हैं। जब आपको यह अहसास हो जायगा कि आपके साथ ईश्वरीय शक्ति है। तब आपके भीतरके सभी नकारात्मक विचार गायब हो जायंगे। आप माउंट एवरेस्टपर चढऩे जैसा कठिन कार्य भी आसानीसे कर बैठेंगे। तितलीको उड़ते देखना, अपने बागीचेमें पानी देना, पक्षियोंके चहचहानेकी आवाज सुनना, यह मामूली दिखनेवाली चीजें आपके मस्तिष्कको शांत कर आगे बढऩेकी प्रेरणा देती है। हर सफल व्यक्तिके पीछे एक अलौकिक वाणी होती है, जो कहती है चिन्ता मत कर मैं तेरे साथ हूं। आपको भी जब ऐसे शब्दोंका ज्ञान हो जायगा तो निश्चय ही अपने लक्ष्यको पानेके लिए आप और अधिक पुरुषार्थ करेंगे। जब आप सही मार्गपर अग्रसर होते हो तो सारी बाधाएं अपने आप ही दूर होती चली जाती हैं। जो चीजें आपको दूरसे कठिन दिखाई देती थी, जब आप उनको नजदीकसे देखते हो तो सब कुछ आसान मालूम पड़ता है। जैसे कोई दुविधा आपके जीवनमें थी ही नहीं। सारी गुथिंया सुलझने लगती हैं और आप अपने अन्दर एक असीम सुख और शांतिकी अनुभूति करते हो। ऐसा महसूस होता है जैसे ईश्वर शक्ति आपके अंग संग है।