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उत्तर प्रदेश के नगर निगम के चुनाव में पहली बार ताल ठोंकेगी BSP, NCP और AAP


 लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरों में ग्रास रूट की राजनीति यानी शहरी निकाय चुनाव में इस बार नए दलों की भी आमद होगी। बहुजन समाज पार्टी (BSP)और आम आदमी पार्टी (AAP)के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)भी उत्तर प्रदेश के नगर निगम के चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी।

महाराष्ट्र में शिवसेना व कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार बनाने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश का रूख किया है। राजनीति के ग्रास रूट यानी नगर निगम के चुनाव (Nagar Nigam Election) से उत्तर प्रदेश में अपनी पारी का आगाज करने के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अपने संगठन का भी विस्तार करेगी। इनके साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने भी नगर निगम के चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बसपा मुखिया लगातार पार्टी के नेताओं को नगर निगम चुनाव की तैयारी के टिप्स भी दे रही हैं। इनके साथ आम आदमी पार्टी भी इस बार मोर्चे पर डटेगी।

नई पार्टियों के प्रत्याशियों का भी दर्शन

उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित नगर निगम के चुनाव में मतदाताओं को इस बार नई पार्टियों के प्रत्याशियों का भी दर्शन होगा। वैसे तो उत्तर प्रदेश में नगर निगम के चुनाव भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ही ताल ठोंकते हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में उनको नए विरोधियों के भी दो-दो हाथ करने पड़ेंगे। विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा उप चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी का फोकस अब नगर निगम के चुनाव पर है।

भारतीय जनता पार्टी की धुर विरोधी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी पहली बार उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव में उतरेगी। इसके लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में संगठन के विस्तार में जुटी है।

चुनाव में उतरेगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)

केन्द्र सरकार में मंत्री रहे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नवंबर तथा दिसंबर में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी। इससे पहले शरद पवार की पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। यह पहली बार होगा कि महाराष्ट्र की राजनीति तक सीमित शरद पवार की पार्टी उत्तर प्रदेश में नीचे के स्तर की राजनीति में कूदने जा रही है।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी केके शर्मा ने कहा कि यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे का पार्टी का निर्णय 2024 के आम चुनावों से पहले राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत स्थिति में करने के लिए लिया गया है। देश में उत्तर प्रदेश से बड़ा कोई राज्य नहीं है इसलिए यहां चुनाव में उतरना जरूरी है। एनसीपी बड़े पैमाने पर 2024 के लोकसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी।