पटना

उत्तर बिहार में बढ़ा नदियों का जलस्तर, बाढ़ का खतरा


कमला, कोशी और बागमती खतरे के निशान से ऊपर

मुजफ्फरपुर। दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में पिछले 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश की वजह से उत्तर बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कमला, कोशी और बागमती कई इलाकों में खतरे के निशाने से ऊपर बहने लगी है।

सोमवार देर रात से मंगल दस बजे दिन तक हुई बारिश से एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कमला नदी में जयनगर में दूसरी बार उफना रही है। सुबह में डाउन स्ट्रीम में 68 सेमी पर बहने बाली नदी का जलस्तर दिन के 12 बजे तक एक मीटर बढ़कर 69 सेमी पर पहुंच गया। नदी की पेटी अर्थात निचले इलाके में बसे इस्लामपुर, कबीर कुटी मुहल्ला, डोरवाड, छरकी, ब्रम्होतरा, टेढा गांव में बाढ़ का पानी फैलने लगा है।

बाबूबरही में कमला बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण जहां बक्साही घाट के स्परों वाले जगहों में पानी का दबाव बना हुआ है, वहीं आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। मधेपुर में भी कोशी नदी में लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है।

दरभंगा में भी मूसलाधार बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि एक बार फिर शुरू हो गई है। कमला बलान के जलस्तर ने अब तक के सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह जयनगर में खतरे के निशान से 1.27 मी. ऊपर जाकर 69.02 मीटर पर बह रही है। झंझारपुर में भी यह 88 सेमी बढ़कर खतरे के निशान से 1.35 मी. सेमी ऊपर 51.35 मी. पर बहने लगी है। इसके जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है।

बागमती अब भी खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है। उधर, अधवारा के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है। कमला और जीवछ के जलस्तर में वृद्धि से जिले के बिरौल और बेनीपुर प्रखंड में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है।

बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश होने से मंगलवार को इसके जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने लगी है। सुबह से शाम तक लगातार वृद्धि होती जा रही है। बागमती नदी के डुब्बा धार में शाम 6 बजे तक इसका जलस्तर बढकर 61 मीटर 51 सेंटीमीटर हो गया। जो खतरा के निशान से 23 सेंटीमीटर उपर है। और इसके जलस्तर में वृद्धि होने की प्रवृत्ति बनी हुई है।

जलस्तर में वृद्धि तथा सुरक्षा तटबंध में रिसाव होने पर मंगलवार को बागमती विभाग के आला अधिकारी कैंप किए हुए हैं। बागमती विभाग के  कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि हो रही है लेकिन तटबंध सुरक्षित है। तटबंध में हो रहा रिसाव बंद करा लिया गया  है। विभाग के अधिकारी व कर्मी को लगातार तटबंधों पर कड़ी निगरानी करते रहने का निर्देश दिया गया है।

मोतिहारी के सुगौली ब्लॉक के निचले इलाके में फिर धीमी गति से सिकरहना नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। पिछले एक माह से अधिक समय से इस ब्लॉक की बड़ी आबादी बाढ़ का कहर झेल रही है। तेतरिया ब्लॉक के कुछ पंचायतों में बाढ़ में मामूली सुधार हो रहा है, लेकिन कोठिया सहित अन्य गांव अब भी बाढ़ से घिरे हैं। बंजरिया ब्लॉक से गुजर रही सिकरहना नदी के जलस्तर में उतार चढाव जारी है।

बाढ़ से ध्वस्त सड़कों से आवागमन में परेशानी हो रही है। केसरिया ब्लॉक के मझरिया, मुजवनिया सहित तीन गांव अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। अरेराज के आधा दर्जन गांव अब भी बाढ़ से घिरे हैं। गंडक और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना है। गंडक चटिया में जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है।

लाल बेगिया सिकरहना ने जलस्तर स्थिर है, जबकि लाल बकेया गुवाबारी के जलस्तर में गिरावट आई है। अहिरौलिया में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। गंडक बराज वाल्मीकि नगर ने मंगलवार को 1,56,700 क्यूसेक पानी छोड़ा है।