सम्पादकीय

उपलब्धियोंभरे सात वर्ष


 डा. गौरीशंकर राजहंस  

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने कहा कोरोनाके कारण सरकारके सात साल होनेके उपलक्षमें इस बार कोई कार्यक्रम नहीं होगा लेकिन पार्टीके कार्यकर्ता जगह-जगह जाकर लोगोंमें सेवाका भाव पैदा करेंगे। प्रधान मंत्रीने यह भी कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षाके मुद्दोंपर कभी समझौता नहीं करेगा। प्रधान मंत्रीने अपनी सरकार और विभिन्न मंत्रियों और नेताओंके द्वारा सात सालकी जबरदस्त उपलब्धिका जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकारकी मुख्य उपलब्धियोंमें सर्जिकल स्ट्राइक, अनुच्छेद ३७० को समाप्त करना, तत्काल तीन तलाक और गरीबोंके लिए पांच लाखतकके स्वास्थ बीमा जैसे कई महत्वपूर्ण कदम हैं। सरकारकी सात सालकी अवधिमें करोड़ों लोगोंके घरोंमें नल द्वारा साफ पीनेका पानी पहुंचाया गया। आजादीके इतने वर्षोंके बाद भी अधिकतर गांवोंमें लोगोंको न तो बिजली मिलती थी और न पीनेका पानी। गत २१ माहमें ही साढ़े चार करोड़ घरोंमें नल द्वारा पीनेका पानी पहुंचाया गया। प्रधान मंत्रीने मनकी बातमें कहा कि देशने अनेक भीषण संकटोंका मुकाबला किया। देशमेें भयानक चक्रवात, भूकम्प आये और देशने अनेक प्राकृतिक आपदाओंका सामना किया। कोरोना कालके दूसरे दौरमें कोराना संक्रमितोंकी बेतहासा वृद्धिके कारण अचानक ही आक्सीजन गैसकी मांगमें भयानक वृद्धि हो गयी। देशमेें पहले ९०० मीट्रिक टन आक्सीजन गैसका उत्पादन होता था जिसे अब बढ़ाकर प्रतिदिन ९५०० मीट्रिक टन किया गया। ‘किसान रेलÓ ने अबतक करीब दो लाख टन अनाजकी ढुलाई की है। गांवके किसान बहुत कम लागतपर अपने फल और सब्जी देशके दूरदराजके इलाकोंमें आसानीसे भेजकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। शुरूमें तो देशमें कोरोना वायरसकी जांचके लिए सिर्फ एक टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज २४०० से ज्यादा कोरोनाकी जांचके लिए टेस्टिंग लैब तैयार हैं। आज देशमें प्रतिदिन २० लाखसे ज्यादा कोरोना टेस्ट किये जा रहे हैं। प्रधान मंत्रीने यह भी कहा कि भाजपाकी सरकार देशमें पूरे लगनसे कार्य कर रही है जबकि विपक्ष केवल आधारहीन आलोचनामें लगा हुआ है।

संसारका यह नियम है कि अत्यन्त शक्तिशाली व्यक्ति भी भविष्यमें घटनेवाली घटनाओंका आकलन नहीं कर सकता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम तो स्वयं भगवान थे जो इस बातकी कल्पना नहीं कर सके कि कैसे रावण माता सीताको धोखेसे हर ले जायगा और माता सीताकी खोजमें उन्हे १४ वर्षतक भटकना पड़ेगा। इसलिए यह कहना कि नरेन्द्र मोदीने समय रहते कोरोनाके होनेवाले खतरों और संक्रमित होनेवाले लोगोंकी संख्याके बारेमें कल्पना नहीं की, यह गलत है। कौन जातना था कि कोरोना अपने दूसरे दौरमेेें इतना भयकर रूप धारण कर ताण्डव मचायगा। शुरूमें कोरोनाका इतना भयानक रूप नहीं था। परन्तु जब कोरोनाका दूसरा दौर शुरू हुआ तबतक न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनियाके लोग कांप उठे। प्रधान मंत्री मोदीने पहले तो देशमें लाकडाउन लगाकर इस समस्याका समाधान करना चाहा। इसमें उन्हें काफी हदतक सफलता भी मिल गयी थी। परन्तु दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्रसे लाखों मजदूर भागकर अपने गांव चले गये। मजदूरोंको न तो इन संपन्न शहरोंमें रोजगारका साधन मिला और न गांव-देहातमें। यह प्रवासी मजदूर दर-दर भटकते रहे। अनेकों उद्योग बन्द हो गये और लोगोंको यह नहीं सूझ रहा था कि यह प्रवासी मजदूर अपना जीवनयापन कैसे करेंगे। इस विपत्तिमें भी प्रधान मंत्रीने प्रवासी मजदूरोंको गेहूं, चावल दाल और राशनकी मदद कराकर उनके दुखोंको दूर करनेका प्रयास किया। कोरोना अब भी भयानक बीमारीके रूपमें पूरे देशमें फैला है। यद्यपि अब कहीं-कहीं कोरोनाके मामलोंमें कमी आ रही है। परन्तु साथ ही यह चिन्ताजनक खबर भी आ रही हैं कि महाराष्ट्रमें कोरोनाका तीसरा दौर भी शुरू हो गया हैं। इसमें कोई सन्देह नहीं कि कोरोनाने देशकी अर्थव्यवस्थाको बुरी तरह प्रभावित किया है।

इस बीच प्रधान मंत्री मोदीने छात्रोंको बहुत बड़ी राहत दिलायी। १२वींकी बोर्ड परीक्षाएं रद कर दी गयी हैं। उन्होंने अपनी केबिनेटके वरिष्ठ मंत्रियों और अन्य विशेषज्ञोंके साथ विचार-विमर्श कर यह ऐलान कर दिया कि देशहितमें छात्रोंका जीवन ज्यादा आवश्यक है, बजाय उनकी परीक्षाके। दूसरे शब्दोंमें छात्रोंकी सुरक्षा बेहद जरूरी है। सभी १२वींकी परीक्षाओंको लेकर तनावमें थे। अब किसीपर कोई दबाव नहीं है। स्वास्थको लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। प्रधान मंत्रीने कहा कि छात्र-छात्राओंके लिए सभीको संवेदनाएं दिखानी होंगी। प्रधान मंत्रीने कहा कि छात्रोंका स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे आवश्यक है। परीक्षाको रद करनेका फैसला छात्रहितको ध्यानमें रखकर लिया गया है। प्रधान मंत्रीने कहा कि इस बीच देश अनेक आपदाओंसे गुजरा है। हमने एकजुट होकर इन आपदाओंका सामना किया है। हम फिरसे इन संकटोंपर विजय प्राप्त करेंगे। क्योंकि सारी जनता एकजुट होकर सरकारके साथ है। प्रधान मंत्रीने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोनाके कारण अर्थव्यवस्थाको भारी झटका लगा है। परन्तु धीरे-धीरे भारत इस कठिन परिस्थितिसे भी उभर जायगा। विपक्षी दलोंकी आलोचनाओंका जवाब देते हुए प्रधान मंत्रीने कहा कि देश पूरी लगनसे अप्रत्याशित घटनाओंका मुकाबला कर रहा है। ऐसेमें उचित यह है कि विपक्षी दल सरकारके साथ सहयोग करे। अनावश्यक और अनर्गल आलोचना नहीं करें। देशमें आम जनता अनेकों कठिनाइयोंसे रूबरू हो रही है। परन्तु यह अत्यन्त ही प्रशंसाकी बात है कि इन कठिनाइयोंके बावजूद भी किसानोंने देशमें फसलकी भरपूर पैदावार की है और बहुत आसानीसे दूर-दराजके क्षेत्रोंमें अपनी फसलोंको बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया है। नरेन्द्र मोदी सरकारकी एक बड़ी सफलता यह भी रही है कि राम जन्मभूमि मंदिरकी नींव उनके समयमें रखी गयी और निर्माणपर अत्यन्त तेजीसे काम चल रहा है। देशवासी इसे बनता देख हर्षित हो रहे हैं। संकटके इस दौरमें हर देशवासीको मिलकर चलते हुए प्रधान मंत्रीका साथ देना चाहिए। कुल मिलाकर नरेन्द्र मोदीने एक सफल राजनेताकी तरह देशवासियोंका नेतृत्व किया और इसमे कोई सन्देह नहीं कि अनेकों कठिनाइयोंके बावजूद भी देश उनके नेतृत्वमें आगे बढ़ रहा है। समय आ गया है कि अब हर देशवासी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीका साथ दें।