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उमेश पाल हत्याकांड: जेल का एक और सिपाही हिरासत में, बयान देने के बहाने बुलाकर दबोचा गया


 बरेली: उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर पुलिस के हाथ एक और बड़ी सफलता लगी है। जेल के एक और सिपाही मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया गया है। वर्तमान में वह जिला जेल पीलीभीत में तैनात था। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते एक महीने से उसकी पोस्टिंग पीलीभीत में थी। पुलिस ने बयान देने के बहाने बुलाकर हिरासत में लिया है। 

मनोज गौड़ पर आरोप है कि उसने सिपाही शिवहरि अवस्थी के साथ मिलकर अशरफ के गुर्गों को नियमों को ताक पर रखकर मिलवाया था। बताते चलें कि सिपाही शिवहरि अवस्थी को भी पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। गौड़ को जेल में समय पूरा हो जाने पर पिछले माह पीलीभीत जेल ट्रांसफर किया गया था।

अब पुलिस अशरफ के गुर्गो की मिलाई के दौरान तैनात जेलकर्मियों का डाटा खंगाल रही है, जांच में सिपाही के खिलाफ SIT को पर्याप्त सबूत मिले थे। इसी के बाद बयान के बहाने आरोपित को बरेली बुलाकर एसआइटी ने गिरफ्तार किया। जेल मुख्यालय ने 11 फरवरी से 24 फरवरी के बीच की फुटेज बरेली पुलिस को सौंपी है।

असल आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर

उमेश पाल हत्याकांड को दो हफ्तों से भी ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन इससे जुड़े पांच आरोपी अब भी जांच टीम की पहुंच से दूर बताए जा रहे हैं। CCTV फुटेज के आधार पर चिह्नित अतीक के बेटे असद समेत पांच शूटर, बमबाज पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित है। हत्याकांड के 15 दिन भी बाद फरार शूटरों को गिरफ्तार करने में पुलिस और एसटीएफ की टीम नाकाम है।

नेपाल में किसी सेफ हाउस में छिपे होने की आशंका

इस हत्याकांड के दो सप्ताह से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद अब कहा जा रहा है कि अतीक के बेटे असद समेत बमबाज गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरमान बहुत ही सुरक्षित जगह पहुंच चुके हैं। साबिर के बारे में तो अभी प्रयागराज के आसपास ही होने का संदेह है, लेकिन असद के बारे में अनुमान है कि वह बिहार होते हुए नेपाल में किसी सेफ हाउस में पहुंच गया है, जहां से उसके बारे में पता लगाना कठिन है।

साबरमती में छिपे होने की आशंका

गुजरात के साबरमती में भी माफिया अतीक के कुछ गुर्गों के छिपने की आशंका जताई गई है। साबरमती जेल में अतीक से भी पुलिस टीम पूछताछ कर सकती है। एसटीएफ ने गुजरात पुलिस से भी शूटरों को पकड़ने के लिए मदद मांगी है।

एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि साबरमती जेल में माफिया अतीक को निरुद्ध किए जाने के बाद उसका खास गुर्गा आसिफ उर्फ मल्ली अपने कई साथियों के साथ गुजरात पहुंचा था। वह साबरमती जेल के पास ही एक अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लेकर रहता था। वहां कई गुर्गो का आना-जाना होता था।

24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या

राजू पाल हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल की दोनों गनर समेत 24 फरवरी की शाम सुलेम सराय में जीटी रोड पर सनसनीखेज तरीके से गोली-बम मारकर हत्या कर दी थी।