आज़मगढ़

एआरटीओ दफ्तरमें मारपीट


आजमगढ़। धन उगाही को लेकर एआरटीओ दफ्तर में जमकर मारपीट हुई। हंगामा होते देख जो लोग अपना काम लेकर आये थे वह लोग कार्यालय से बाहर भाग गये। साथ ही पूरी तरह से अफरा-तफरी मच गयी। इस मामले में एआरटीओ कार्यालय के अधिकारी की ओर से एक वकील सहित कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। इसके विपरीत आरोपित वकील का कहना है कि धन उगाही का विरोध करने पर यह वारदात हुई। आरोपित वकील ने इस मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की है।  सिधारी थाने के प्रभारी निरीक्षक को दिये गये प्रार्थना पत्र में आरटीओ कार्यालय के यात्री एवं माल कर अधिकारी राजेश्वर सिंह कुशवाहा ने कहा हैकि वह सम्भागीय परिवहन कार्यालय में यात्री एवं माल कर अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। गुरूवार को अपरान्ह पौने एक बजे के करीब जब वह दैनिक कार्यो का सम्पादन कर रहे थे उसी समय वकील विपिन सिंह द्वारा चालान कोर्ट में प्रेषित करने को लेकर उपद्रव करना शुरू कर दिया गया। उन्होंने उनके साथ अभद्रता की और मारपीट पर उतारू हो गये। इस कार्य में विवेक सिंह, देवी यादव तथा अन्य कुछ लोग भी विपिन सिंह के साथ रहे। उन्होंने मांग किया कि मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ गाली देने, उपद्रव करने, मारपीट व अभद्रता करने तथा सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने जैसी धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की जाये। साक्ष्य के तौर पर एआरटीओ प्रशासन सत्येन्द्र सिंह यादव, सम्भागीय निरीक्षक प्राविधिक पवन सोनकर व कार्यालय के वरिष्ठï सहायक धर्मेन्द्र कुमार सिंह रहे। तहरीर के आधार पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया और छानबीन शुरू कर दी है। फिलहाल सच कुछ और ही बयां कर रहा है। सच तो यह है कि एआरटीओ दफ्तर में बिना लेन-देन के कोई काम संभव ही नहीं है। जो लोग धन उगाही का विरोध करते हैं उनके साथ कर्मचारी मिलकर दुव्र्यवहार करते हैं।