आज़मगढ़

टेक्सटाइल्समें है रोजगारकी संभावनाएं


आजमगढ़। कभी कपड़ा उद्योग के लिए विख्यात उत्तर प्रदेश वर्तमान में पुन: टेक्सटाइल हब बनने के लिए सतत् अग्रसर है। टेक्सटाइल इन्डस्ट्री में प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन सम्भावित है। यह प्रदेश के बेरोजगारों को जहाँ काम उपलब्ध करायेगा, वहीं वस्त्रोद्योग के विकास को नई गति भी देगा। वास्तव में वस्त्रोद्योग की हिस्सेदारी को दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देेकर वस्त्रोद्योग की पुरानी पहचान दिलाने का जो संकल्प लिया है, नि:सन्देह यह सराहनीय/प्रशंसनीय कदम है। सरकार की इसी पहल से प्रभावित होकर निवेशकों ने वस्त्र क्षेत्र में निवेश के प्रति दिलचस्पी ही नहीं दिखाई, अपितु वस्त्र इकाइयां स्थापित करने का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है। सरकार ने इस क्षेत्र में आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने सहित डिजाइन सेन्टरों को सुदृढ़ एवं अत्याधुनिक करने, कच्चे माल की निरन्तरता बनाये रखने, बेहतरीन सुविधाओं, बुनियादी ढांचा, कुशल श्रमिक की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ, आकर्षक एवं व्यवहारिक सुविधायें सरल एवं पारदर्शी तरीके से पहुँचाने पर विशेष बल दिया है। वस्त्र इकाइयां स्थापित होने से प्रदेश का आर्थिक पिछड़ापन जहां दूर होगा, वहीं लोगों के जीवन स्तर में भी व्यापक सुधार आयेगा तथा व्यापारिक गतिविधियों एवं औद्यौगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। निर्यात को बढ़ावा देकर वस्त्रोद्योग क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सुदृढीकरण में मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रकार उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वस्त्रोद्योग का विशेष महत्व है। यह उद्योग आम जन की रूचि, चाहत एवं फैशन पर आधारित है। इसमें प्रदेश के विकास की असीमित सम्भावनाएं है। एक समय ऐसा था जब उत्तर प्रदेश देश/दुनिया में वस्त्रोद्योग के उत्पादों के लिए विख्यात था, परन्तु आज यह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। पूर्ववर्ती सरकारें इस उद्योग के प्रति गम्भीर नहीं थीं तथा उनके द्वारा अनिच्छा का रूख अपनाने के कारण इसका निरन्तर ह्रास होता चला गया। लेकिन वर्तमान सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इसके पुराने स्वरूप को पुन: स्थापित करने की पहल की और निजी निवेशकों को वस्त्रोद्योग क्षेत्र में पूंजी निवेश के लिए प्रेरित किया, जिसके फलस्वरूप विगत इनवेस्टर्स समिट में 66 निवेशकों द्वारा अपनी रूचि प्रदर्शित करते हुये रू0 8715 करोड़ के निवेश के एमओयू किये गए। वस्त्रोद्योग इकाईयों की उत्पादकता बढ़ाने एवं गुुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं, इससे उत्पादकों के लिए आधुनिक परिवेश में अनुकूल वातावरण सृजित होगा, जिसके परिणामस्वरूप वस्त्रोद्योग क्षेत्र में कार्यरत तकनीकी और गैर-तकनीकी कामगारों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में भी सुधार होगा।  वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा बढ़ती हुई प्रतिस्पद्र्धा, निरन्तर बदलते फैशन, डिजाइन एवं तकनीक के विकास को ध्यान में रख कर ऐसी नीतियां और कार्यक्रमों पर बल दिया है, जिससे इस उद्योग का समुचित विकास हो सके और लोगों को बेहतर डिजाइन के आधुनिक एवं जीरो डिफेक्ट के वस्त्र उत्पाद मिल सकें। पर्यावरण पर जीरो इफेक्ट पड़े, इस पर भी ध्यान दिया गया है। वस्त्रोद्योग आधुनिक मशीनों के साथ ही श्रमिक प्रधान उद्योग भी है। इसमें प्रदेश के विकास एवं रोजगार के असीमित अवसर हैं। प्रदेश में इस उद्योग को पुन: नये तरीके से स्थापित करने के लिए तकनीकी उन्नयन एवं निवेश की नितान्त आवश्यकता पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। वस्त्रोद्योग में रोजगार के नए अवसरों के लिए न केवल अच्छे कौशल, आधुनिक एवं उच्च तकनीक, क्षेत्र सम्बंधी सभी स्तरों हेतु प्रतिस्पद्र्धी क्षमता एवं दक्षता को बढ़ावा ही नहीं दिया जा रहा है बल्कि सरकार ने इस उद्योग को पुन: नवजीवन देने का संकल्प लिया है।