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एक्सपर्ट्स ने चेताया- तेज टीकाकरण भी भारत को तीसरी लहर से नहीं बचा पाएगा,


नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीते दिनों में बढ़ी टीकाकरण की दर के बाद भी देश महामारी की तीसरी लहर से बच नहीं पाएगा. बीते महीने आईआईटी दिल्ली ने भी तीसरी लहर के दौरान राजधानी में बेहद खराब हालात होने की चेतावनी दी थी. इससे पहले एम्स निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया भी 6-8 हफ्तों में तीसरी लहर की दस्तक की बात कह चुके हैं.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में सभी निर्यात रोक देने और सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता होने के बावजूद भारत में केवल चार फीसदी आबादी को वैक्सीन लगी है. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दर से तीसरी लहर देश में कुछ महीनों में आ सकती है. इसके अलावा रिपोर्ट में टीकाकरण के बढ़े हुए आंकड़ों पर भी सवाल उठाए गए हैं.

बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट में स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी में दक्षिण एशिया के अर्थशास्त्री अनुभूति सहाय और सौरव आनंद ने कहा है, ‘अगर हर रोज औसत 32 लाख डोज की रफ्तार को बरकरार रखा जाए, तो भारत साल के अंत तक अपनी 45 फीसदी आबादी को टीका लगा देगा. वहीं, मार्च 2022 तक यह आंकड़ा 60 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा. इसके अलावा भारत के हिस्से में स्पूतनिक-V समेत 6 और वैक्सीन उम्मीदवार शामिल होने जा रहे हैं.’

दिल्ली में रोज मिलेंगे 45 हजार मामले
दिल्ली आईआईटी ने तीसरी लहर के सबसे बुरे दौर में राजधानी को रोज 45 हजार मामलों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी. साथ ही मनीकंट्रोल से बातचीत में माइक्रोबायोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर गगनदीप कांग ने कहा था, ‘पूरी आबादी को वैक्सीन देना एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन भारत में यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि केवल 30-40 प्रतिशत जनसंख्या को टीका लगा देना वायरस को रोकने के लिए काफी नहीं होगा.’