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ओमिक्रॉन वेरिएंट बन रहा है परेशानी की वजह


नई दिल्ली, । कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने लोगों को फिर से चिंता में डाल दिया है। नवंबर के महीने में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में इसके केस मिले। जिसके बाद यह तेज़ी से दुनियां के कई देशों तक पहुंच गया। भारत में भी यह वायरस अपने पैर पसार रहा है। ओमीक्रॉन के दिनों-दिन बढ़ते मामलों से देश में भय का माहौल है। लोगों को डर है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद ओमीक्रॉन कहीं तीसरी लहर की वजह न बन जाए।

क्या है ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन वायरस Covid-19 का ही एक नया रूप है। WHO ने इसको वायरस ऑफ कंसर्न (VOC) की कैटेगरी में शामिल किया है। कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार यह डेल्टा वायरस से अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। इसके प्रसार की क्षमता कोरोना के अन्य वेरियंट से 7 गुना ज्यादा है। जिससे यह तीव्र गति से लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। बताया गया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमण सार्स-कोवी-2 की अपेक्षा बहुत कम है। जिससे इस वेरिएंट से होने वाले रोग की गंभीरता कम होने के संकेत मिलते है। लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि सावधानी न बरतें।

ओमिक्रॉन के लक्षण

इस वायरस के लक्षण बहुत हद तक कोरोना से मिलते जुलते हैं। जिसमें सिरदर्द, बदन-दर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, गंध की क्षमता का कमज़ोर हो जाना, खाने में स्वाद न आना, थकावट और कमजोरी जैसे लक्षण शामिल हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए इस तरह का कोई भी लक्षण दिखने पर इसको गंभीरता से लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। RT PCR टेस्ट कराकर इस वेरिएंट की जांच कराई जा सकती है।