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कभी फैंटम तो कभी गुमनाम अरबपति, बहुत दिलचस्प है पालोनजी मिस्त्री की कहानी


नई दिल्ली, । Pallonji Mistry Death: शापूरजी पालोनजी समूह के अध्यक्ष और दिग्गज कारोबारी पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry) का मुंबई में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। दुनिया के सफलतम बिजनेसमैन में शुमार किए जाने वाले पालोनजी मिस्त्री का व्यापारिक साम्राज्य कई देशों में फैला है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, मिस्त्री ने लगभग 29 बिलियन डॉलर की संपत्ति अर्जित की। इससे उनकी गिनती सबसे अमीर लोगों में होने लगी। कारोबार जगत में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 2016 में पद्म भूषण सम्मान से भी नवाजा गया।

एक गुमनाम अरबपति

पालोनजी मिस्त्री को दुनिया का सबसे गुमनाम अरबपति कहा जाता था। उन्हें शायद ही कभी किसी सार्वजनिक जगह पर देखा या सुना जाता था। टाटा समूह (Tata Group) के मुंबई स्थित मुख्यालय ‘बॉम्बे हाउस’ में उनके रुतबे को देखते हुए उन्हें ‘फैंटम’ के नाम से जाना जाता था। 1929 में भारत में एक पारसी परिवार में जन्मे मिस्त्री ने उच्च शिक्षा के लिए लंदन के इंपीरियल कॉलेज जाने से पहले मुंबई के कैथेड्रल और जॉन केनन स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 18 साल की उम्र में पारिवारिक बिजनेस में ही की। 1865 में स्थापित अपनी पिता की कंपनी के लिए उन्होंने कई देशों में सेवाएं दीं। 1970 के दशक में उन्होंने मध्य पूर्व के देशों, अबू धाबी, दुबई और कतर तक अपने व्यापार को बढ़ा लिया। उनकी कंपनी ने ओमान के सुल्तान के महल के साथ बहुत सी वीआईपी इमारतों का निर्माण किया।

आयरिश महिला से विवाह

पालोनजी ने 2003 में एक आयरिश महिला से शादी की और इसके बाद उनको आयरिश नागरिकता मिल गई। लेकिन अपना ज्‍यादातर समय वह मुंबई में समुद्र के किनारे बने अपने शानदार बंगले में ही बिताते थे। उनके एसपी ग्रुप ने मुंबई की कुछ महत्वपूर्ण इमारतों का निर्माण किया है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक की बिल्डिंग और ताज महल पैलेस होटल शामिल हैं।

कहां-कहां रही हिस्सेदारी

सार्वजनिक जीवन में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बाद उन्होंने अपने बड़े बेटे शापूर (Shapoor Mistry) के एसपी समूह की कंपनियों के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद पालोनजी मिस्त्री ने अवकाश ले लिया। हालांकि वह जब-तब नजर आते रहे। शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने यूरेका फोर्ब्स लेबल के तहत अपने कंज्यूमर ड्यूरेबल्स बिजनेस को अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म एडवेंट इंटरनेशनल (Advent International) को बेच दिया था। यूरेका फोर्ब्स एक्वागार्ड और फोर्ब्स जैसे ब्रांडों के साथ काम करती है। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की मौजूदगी इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, वाटर, एनर्जी और फाइनेंशियल सर्विसेज में है।

शापूरजी पल्लोनजी समूह ने के.आसिफ की प्रतिष्ठित हिंदी फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई। यह अपने समय की सबसे महंगी फिल्म थी। आज भी यह बॉलीवुड की शीर्ष लोकप्रिय फिल्मों में गिनी जाती है।

टाटा ग्रुप के साथ खट्टे-मीठे रिश्ते

पालोनजी मिस्त्री और उनका परिवार 2012 में सुर्खियों में आया था, जब उनके छोटे बेटे साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को टाटा समूह का नेतृत्व सौंपा गया। गया था। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में पल्लोनजी परिवार की 18.फीसद से अधिक है। फिलहाल उनके उनके परिवार में पत्नी पात्सी पेरिन दुबाश, बेटे शापूर मिस्त्री, साइरस मिस्त्री और बेटियां लैला मिस्त्री और आलू मिस्त्री हैं। बड़े बेटे शापूर, शापूरजी पालोनजी समूह चलाते हैं, जबकि साइरस ने 2012 से 2016 तक टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी बेटी आलू मिस्त्री की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुई है।