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कलकत्ता हाई कोर्ट ने खारिज की जगदीप धनखड़ को राज्यपाल के पद से हटाने वाली याचिका


कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक अधिवक्ता द्वारा दायर बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए रिट याचिका खारिज कर दी है। वकील रामप्रसाद सरकार यह याचिका दायर की थी। बताते चलें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का टकराव चरम पर है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में राज्यपाल के खिलाफ मुद्दे उठाए गए हैं और विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की भी तैयारी है। ममता आगामी माह गैर भाजपा शासित राज्यों के सीएम के साथ राज्यपाल की अति सक्रियता के खिलाफ बात करने के लिए बैठक भी करने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस संबंध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी बात की है। यही नहीं ममता ने राज्यपाल को ट्विटर पर ब्लाक कर दिया है।

इन सब विवादों व गतिविधयों के बीच गुरुवार को अचानक राज्यपाल धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजभवन आकर बातचीत करने का न्योता दे दिया। राज्यपाल ने सीएम ममता को इस बाबत पत्र लिखा है। इससे ऐसा माना जा रहा है कि राज्यपाल ने जारी गतिरोध खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब विवाद बढ़न के बाद बातचीत शुरू करने की बात कही गई है।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से इसी सप्ताह राजभवन आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बातचीत से सभी समस्याओं का समाधान होता है, इसलिए चर्चा करने की जरूरत है। धनखड़ ने सीएम को भेजे पत्र को ट्वीट भी किया है। पत्र में लिखे शब्दों को लेकर कई लोग कह रहे हैं कि राज्यपाल विवाद को थामने के लिए तत्पर हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने सुविधानुसार मिलने का अनुरोध किया है।

पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्वीट किया था कि राज्यपाल ने जिस तरह से बंगाल विधानसभा सत्र की समाप्ति की घोषणा की, वह उनके जैसे संवैधानिक प्रमुख के लिए अवांछनीय है और उनसे इस तरह के गैर-सैद्धांतिक व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसका जवाब देते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का सख्त अवलोकन सच्चाई से जुड़े आदेश के अनुरूप नहीं है।