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किसान आन्दोलनपर प्रधान मंत्रीने तोड़ा मौन



 

नयी दिल्ली(आससे)। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार किसानों के हित के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। देश की मंडियों का आधुनिकीकरण हो रहा है, फसलों को मंडी के साथ बाजार में बेचने का विकल्प मिल रहा है, कृषि क्षेत्र और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में बनी सभी दीवारें हटायी जा रही हैं। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा है कि वर्ष 2020 में हमने किसी टी-20 मैच की तरह काफी कुछ बदलते देखा है, लेकिन भारत ने जिस तरह एकजुट होकर इसका मुकाबला किया पूरी दुनिया हैरान है। आज यहां भारतीय उद्योग और वाणिज्य मण्डल परिसंघ-फिक्की की 93वीं वार्षिक आम बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये नये प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के कृषि क्षेत्र और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चौन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब है सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों के बाद किसानों को नये बाजार मिलेंगे, नये विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा, इससे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा, जिसका सबसे अधिक फायदा देश के किसान को होने वाला है। सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किये गये सुधारों का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिये बीते वर्षों में तेजी से काम किये गये हैं। इससे देश का कृषि क्षेत्र पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है। आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है। आज देश मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है।  प्रधानमंत्री ने कोरोना काल का जिक्र करते हुये कहा कि देश ने 2020 में उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियां बनाईं, निर्णय लिये, उससे स्थितियां संभली हैं। इसे देख पूरी दुनिया हैरान है। उन्होंने कहा कि स्थितियां उम्मीद से अधिक तेजी से बेहतर हुई हैं। आज अर्थव्यवस्था के संकेतक हौसला बढ़ाने वाले हैं। संकट के समय देश ने जो सीखा है, उसने भविष्य के संकल्पों को और दृढ़ किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशकों ने कोरोना के प्रकोप के दौरान भारत में रिकार्ड निवेश किया। उन्होंने कहा कि भारत के निजी क्षेत्र को न सिर्फ घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि अपनी वैश्विक छवि भी बनाने का भी प्रयास करना चाहिये। मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान देश में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने की सोच पर आधारित है और इससे भारतीय उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बन सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी पक्ष अपनी पूरी क्षमता और प्रतिभा का उपयोग करें और देश के विकास में भरपूर योगदान के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले 6 वर्षों से यही हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे कम कॉरपोरेट कर वाले देशों में से एक है और यहां कर मूल्यांकन और अपील के मामलों में करदाताओं और अधिकारियों के बीच सीधे सम्पर्क की आवश्यकता नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि भारत इंस्पेक्टर राज और टैक्सों से करदाताओं को आतंकित करने के दौर से आगे निकल चुका है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बीच सीमाओं की आवश्यकता नहीं रह गई है और इसकी जगह इन क्षेत्रों में आपकी सम्पर्क कायम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों से अलग, भारत कोरोना महामारी के दौर में अपनी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के जरिये गरीबों और जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता देने में सफल रहा। देश में हर महीने 4 लाख करोड़ रुपये लागत के लेन-देन यूपीआई के माध्यम से हो रहे हैं और इसमें रोजाना नये कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। साथ ही मोदी ने कहा कि आज देश के ग्रामीण इलाकों में भी छोटे व्यापारी भी डिजिटल लेन-देन करने लगे हैं।