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किसान के साथ बैठक के बाद बोले केजरीवाल, कहा- ये कानून किसानों के लिए मौत के वारंट की तरह


दिल्ली विधानसभा में रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और किसान नेताओं की बैठक पूरी हो गई। इस बैठक में तीनों कृषि कानूनों पर विस्तार से चर्चा की गई। सीएम केजरीवाल के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। मीटिंग के बाद केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई किसान नेता कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली विधानसभा परिसर में चर्चा करने आए थे। केंद्र सरकार कहती आई है कि इन कानूनों से किसानों को फायदा होगा, लेकिन अब तक वह जनता को एक भी फायदा बताने में नाकाम रहे हैं।

वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि तीनों काले कानूनों को लेकर पश्चिमी यूपी के किसानों के साथ विस्तृत चर्चा हुई। ये कानून किसानों के लिए मौत के वारंट की तरह हैं। अगर इन कानूनों को लागू किया जाता है, तो खेती कुछ कॉर्पोरेट्स के हाथों में होगी।

28 फरवरी को मेरठ में ‘किसान पंचायत’

वहीं बैठक के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने कहा कि 28 फरवरी को मेरठ में एक भव्य ‘किसान पंचायत’ होने जा रही है, जहां इन कानूनों पर चर्चा की जाएगी और केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की अपील की जाएगी। इधर, राष्ट्रीय जाट महासंघ के रोहित जाखड़ ने कहा कि हम मांग करते हैं कि एमएसपी के लिए एक कानून बनाया जाए, स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशें लागू की जाएं और तीन कानून वापस लिए जाएं, जब तक ये पूरे नहीं होंगे, किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध जारी रखेंगे और गांवों नहीं जाएंगे।

आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुरू से ही किसान आंदोलन के साथ खड़े नजर आए हैं। धरना स्थल पर सीएम केजरीवाल सहित उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी कई बार जा चुके हैं। यहां तक की प्रदर्शनकारी किसानों के धरना स्थल पर भी सभी तरह की सुविधाएं भी केजरीवाल सरकार की ओर से मुहैया कराई गई हैं।