(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में दिये जाने वाले ढाई लाख रुपये के मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार के लिए दस सदस्यीय चयन समिति बनायी गयी है। यह राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। यह पुरस्कार 11 नवम्बर को शिक्षा दिवस पर दिया जाता है। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
चयन समिति की पहली बैठक शुक्रवार को शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा सभागार में हुई। इसमें तय हुआ कि पुरस्कार हेतु अभिवंचित वर्ग की शिक्षा के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति या बालिका शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्ति, पुस्तकालय, आंगनबाड़ी क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति का चयन किया जा सकता है। पुरस्कार के लिये विशेष परिस्थिति में समान विशिष्टता रखने वाले दो व्यक्तियों का भी चयन किया जा सकता है, जो सर्वसम्मति से सभी को स्वीकार्य हो।
शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ ने बैठक की अध्यक्षता की। चयन समिति के सदस्यों में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री, शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा, पटना विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रो. अरुण कुमार, खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी के पूर्व निदेशक डॉ. इम्तियाज अहमद, काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. विजय कुमार चौधरी एवं भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के बिहार रिजनल ब्रांच के सचिव डॉ. आर. के. वर्मा बैठक में शामिल थे। जन शिक्षा के सहायक निदेशक रमेश चन्द्र एवं परामर्शी प्रीति परिहार भी बैठक में शामिल थीं।