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कुत्तों के हमले में Wagh Bakri Tea Group के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई ने गंवाई जान


अहमदाबाद। आवारा कुत्तों के हमले में हमने अक्सर लोगों की मौत होने की खबरें सुनते आ रहे हैं। इसमें ताजा नाम कई लोगों की मौत होने की खबरें सुनी हैं। इसमें ताजा नाम Wagh Bakri Tea Group के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई (Parag Desai) का जुड़ गया है। वे 49 साल के थे। उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद शहर के एक निजी अस्पताल में सोमवार को अंतिम सांस ली।

15 अक्टूबर को हुआ हादसा

मिली जानकारी के मुताबिक, 15 अक्टूबर की सुबह पराग देसाई अपने घर के पास टहल रहे थे। उसी समय आवारा कुत्ते उनके पीछे पड़ गए। कुत्तों से बचने के प्रयास में वे फिसल गए और गंभीर रूप से घायल हो गए।

उद्योग जगत में शोक की लहर

आनन-फानन में पराग को शेल्बी अस्पताल (Shelby Hospital) ले जाया गया। यहां से सर्जरी के लिए उन्हें जाइडस अस्पताल (Zydus Hospital) रेफर कर दिया गया। इसी अस्पताल में उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन से उद्योग जगत में शोक की लहर है।

1995 में ग्रुप में शामिल हुए थे पराग

Parag Desai के पिता का नाम रसेश देसाई (Rasesh Desai) है, जो वाघ बकरी टी ग्रुप के प्रबंध निदेशक हैं। पराग ने अमेरिका के न्यूयार्क से एमबीए की पढ़ाई की थी। वे 1995 में समूह में शामिल हुए थे। पराग कंपनी के सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट के काम को देखते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी विदिशा (Vidisha) और बेटी परीशा (Parisha) शामिल हैं।

राज्यसभा सांसदों ने व्यक्त किया शोक

गुजरात कांग्रेस प्रमुख और राज्यसभा सदस्य शक्तिसिंह गोहिल ने पराग देसाई के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म एक्स पर लिखा,

बहुत दुखद खबर आ रही है। वाघ बकरी टी समूह के निदेशक और मालिक पराग देसाई का निधन हो गया। गिरने के बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था। उसकी आत्मा को शांति मिलें। पूरे भारत में पूरे वाघ बकरी परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पराग के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा,

पराग देसाई की मृत्यु दुखद है और इसे टाला जा सकता था। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए हमें वास्तव में एक सक्रिय नीति की आवश्यकता है। मैंने ऐसे कई एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) देखे हैं, जो निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, लेकिन धन की कमी के कारण संघर्ष करते हैं। वहीं, स्थानीय सरकारों के पास धन तो है, लेकिन वे इसे प्राथमिकता नहीं देते हैं।

कैपिटलमिड के सीईओ और संस्थापक दीपक शेनॉय ने कहा कि हमें आवारा कुत्तों से निपटने की जरूरत है। कुत्ते अक्सर लोगों पर हमला कर देते हैं। इसलिए इन्हें सड़कों से हटाने की जरूरत है।