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कोरोना: दूरी और दवा जरूरी, त्योहारों के मौसम में ना बरते कोई भी लापरवाही


  1. सुख-समृद्धि की कामना करने के साथ ही सुरक्षित त्योहार मनाने के लिए तीन बातें बहुत अहम हैं। सबसे पहले टीकाकरण। कोरोना संक्रमण के खिलाफ यह एक अचूक अस्त्र साबित हो रहा है। टीकाकरण से न सिर्फ संक्रमण की दर कम हुई है, बल्कि संक्रमित होने के बाद भी यह लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने में कामयाब हुआ है। यूरोप, ब्रिटेन सहित दुनियाभर के कई देशों के उदाहरण हमारे सामने है कि व्यापक स्तर पर टीकाकरण होने के बावजूद वहां कोरोना संक्रमण के केस बढ़े। हालांकि इस बार वह पहली और दूसरी लहर की तरह मारक नहीं था। लोगों को कोरोना हुआ, लेकिन वे जल्दी ही ठीक भी हो गए। उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं हुई।

त्योहार के मौसम में अब भारत में जब लोग खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल कर बाजारों में पहुंच रहे हैं, ऐसे में टीकाकरण ही हमें इसकी भयावहता से बचा सकता है। भारत में अभी भी एक बड़ी आबादी है, जो टीकाकरण के दायरे से बाहर है, या तो उन्होंने टीका नहीं लगवाया है या फिर उन्हें टीके का एक ही डोज लगा है। ऐसे लोगों को तुरंत टीका लगवाना चाहिए। सरकार भी इस कोशिश में पूरी तरह से जुटी हुई है। 15 अक्टूबर से पहले 100 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार की इस मुहिम के साथ हर नागरिक को अपना दायित्व समझना होगा और टीकाकरण करवाना होगा। दूसरा, मास्क लगाना और हाथों को सैनिटाइज करना न भूलें। कोरोना संक्रमण का कहर कम हुआ हो या टीकाकरण हो चुका हो, लेकिन मास्क लगाना और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करना न भूलें। खास तौर पर जब त्योहार के मौके पर सार्वजनिक स्थलों, मंदिर, बाजार और बस-ट्रेन में भीड़ उमड़ रही है तो मास्क बचाव का एक बड़ा जरिया है, इसे हमेशा पहनें। तीसरा है, बंद कमरों की बजाय खुले स्थानों में रहें और एक साथ ज्यादा लोग एकत्रित न हों। तमाम शोधों से यह स्पष्ट हो गया कि कोरोना संक्रमण बंद कमरों में ज्यादा प्रभावी होता है। खुले स्थानों पर इसका असर कम हो जाता है।