पटना

कोविड से मृत्यु होने पर मीडिया कर्मियों को 15 लाख की सहायता राशि मिले


(आज समाचार सेवा)

पटना। कोरोना में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों तक कोरोना महामारी से जुड़ी खबर व जागरूकता अभियान में पूरी तत्परता से पूरे राज्य में लगे हुए मीडिया कर्मी की कोरोना से मृत्यु पर उड़ीसा सरकार के तर्ज पर बिहार में भी कम से कम 15 लाख रुपए की सहायता व मीडियाकर्मियों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण सुनिश्चित हो। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से यह मांग आजभाजपा युवा मोर्चा ने की।

मोर्चा के क्षेत्रीय प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने उनके ज्ञापन को गौर से पढ़ा व आश्वासन दिया की इस दिशा में जल्द उचित कदम उठाए जाएंगे। बिहार सरकार ने राज्य के तमाम मीडियाकर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित कर बहुत ही सरहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के वक्त में सूचनाओँ के प्रसारण, विश्लेषण और आयामों को लेकर जिस तरह की संजीदा भूमिका मीडिया ने अदा की है, वह सराहनीय है।

वैश्विक महामारी के दौरान मीडिया ने सटीक जानकारी देकर समाज के अहम और विश्वसनीय साझेदार की भूमिका निभाई है, ताकि राज्य के लोगों को इस संकट से उबरने में जागरूक किया जा सके और वे खुद को कोरोना संक्रमण से बचा सकें।

उन्होंने कहा कि जब कोई भी मुश्किल की घड़ी सामने होती है, तब लोगों को उसके पीछे के कारण और परिणाम तथा उससे बचाव की जानकारी की जरूरत होती है। ऐसे में लोगों की इन सभी जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी मीडिया की होती है। कोरोना महामारी के वक्त में लोगों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथों को लगातार धोने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशंसनीय है।

उन्होंने उन सभी पत्रकारों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त किया, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने सरकार से मांग की हैं कि कोरोना से मृत्यु होने वाले पत्रकारों को कम से कम 15 लाख की सहायता राशि मिलें, ताकि उनके परिवारजनों की भरण पोषण की समस्या उत्तपन्न ना हो। बिहार प्रदेश के क्षेत्रीय प्रभारी मनीष कुमार के साथ गौरव सिंह भी मौजूद थे।