पटना

खगड़िया: डीएम ने संभावित बाढ़ आपदा पूर्व तैयारी के मद्देनजर अधिकारियों को दिए निर्देश और सौंपी जिम्मेवारी


खगड़िया (आससे)। संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ अंचल अधिकारियों ने भी भाग लिया।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रखंडों में वर्षामापी यंत्र चालू हालत में रहने की जानकारी जिला सांख्यिकी पदाधिकारी से प्राप्त किए जाने के साथ संकटग्रस्त समूहों यथा धात्री महिलाएं, गर्भवती महिलाएं, वृद्धा इत्यादि की पहचान करने और इनके लिए आपातकालीन निष्क्रमण योजना तैयार करने का निदेश डीपीओ (आईसीडीएस) एवं आपदा प्रभारी को दिया गया।

गर्भवती महिलाओं की पंचायतवार सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया, जिसमें संभावित डिलीवरी की तारीख भी अंकित हो, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनको मदद उपलब्ध कराई जा सके और सुरक्षित प्रसव हेतु निकाला जा सके। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को गर्भवती महिलाओं के साथ आशा एएनएम की टैगिंग कराने का भी निर्देश दिया। सामाजिक सुरक्षा कोषांग प्रभारी को वृद्ध जनों एवं दिव्यांग जनों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को अंचलों का नजरी नक्शा तैयार करने का निर्देश दिया, जिसमें बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के साथ नदियों को भी अलग-अलग रंगों से दर्शाने का निर्देश दिया। पंचायतवार रेड लिस्ट और ग्रीन लिस्ट की सूची सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों और सीडीपीओ के पास होनी चाहिए।

संसाधन मानचित्रण के बारे में सभी अंचल अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गई एवं आवश्यक निर्देश दिया गया। सरकारी नाव की मरम्मति का निर्देश अंचल अधिकारियों को दिया गया है, जिसका भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। 200 निजी नावों के साथ इकरारनामा कर लिया गया है। 10 इनफ्लैटेबल बोट उपलब्ध हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में  22 हजार पॉलीथिन शीट, 32 टेंट, 4 महाजाल, 107 प्रशिक्षित गोताखोर भी उपलब्ध हैं। जिलाधिकारी ने सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों को पॉलीथिन शीट और महाजाल का भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने सभी नाविकों, नाव-मालिकों एवं गोताखोरों का अविलंब टीकाकरण   फोटो सहित सूची बनाने और इनका पहचान पत्र बनाने का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन संख्या के किसी भी नाव का भुगतान नहीं किया जाएगा। नावों का लॉग बुक संधारित किया जाए। लदान क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर नहीं चढ़ाया जाए, इसे सुनिश्चित करना है। केवल चिन्हित घाटों से ही नावों का संचालन होगा।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि किसी भी गांव के लोगों को अन्य जगहों पर विस्थापित नहीं कर उन्हें वहीं बनाये गए शरण स्थली में खाना खिलाने की व्यवस्था की जाए। पशु आश्रय स्थल भी चयनित हो चुके हैं और जिला पशुपालन पदाधिकारी को सुनिश्चित कराना है कि वहां आवश्यकता पड़ने पर चारा पहुंचाया जा सके। तटबंधों के भीतर बसे लोगों को बाढ़ के दौरान आपातकालीन निष्क्रमण के लिए माइक्रो प्लान भी तैयार कराया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन और जिला पशुपालन पदाधिकारी को बाढ़ के दौरान आवश्यक मानव दवाओं और पशु दवाओं का स्टॉक रखने का निर्देश दिया और साथ ही पर्याप्त संख्या में हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, जिंक सल्फेट टेबलेट, ओआरएस घोल की मानकों के हिसाब से उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। बाढ़ से मृत पशुओं का सत्यापन और पोस्टमार्टम कराने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया।

बैठक में एसडीआरएफ टीम को संभावित बाढ़ को ध्यान में रखते हुए तैयार रहने का निर्देश दिया गया और अपने सभी इनफ्लैटेबल बोट को कार्यरत रखने का निर्देश दिया गया। लाइफ जैकेट के बारे में भी उनसे जानकारी ली गई। सभी नाविकों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक और दो के कार्यपालक अभियंताओं को भारी वर्षा से तटबंधों पर हुए  रेनकट की मरम्मति कराने और तटबंधों की निगरानी हेतु प्रत्येक किलोमीटर पर एक व्यक्ति को लगाने का निर्देश दिया जो किसी भी प्रकार की क्षति की सूचना संबंधित अभियंता को अविलंब देगा। अधीक्षण अभियंताओं द्वारा बताया गया कि खगड़िया जिला अंतर्गत तटबंध पूर्णतः सुरक्षित है और रेनकट की नियमित रूप से मरम्मत की जा रही है। फ्लड फाइटिंग में विभागीय निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय कम्युनिकेशन प्लान बनाने का निर्देश दिया, जिसमें सभी किसान सलाहकार, आंगनवाड़ी सेविका- सहायिका, मुखिया, वार्ड सदस्य इत्यादि के भी संपर्क नंबर हों, ताकि बाढ़ की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को बाढ़ की स्थिति में यथाशीघ्र फसल क्षति के आकलन का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को शरण स्थली का डेटाबेस बनाने के साथ सभी रसोइयों की सूची उपलब्ध कराने और इनका टीकाकरण कराने का भी निर्देश दिया।

बैठक में अपर समाहर्ता श्त्रुंजय कुमार मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार वर्मा, अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया  धर्मेंद्र कुमार, गोगरी  सुभाष चंद्र मंडल,आपदा प्रभारी  टेशलाल सिंह, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी  आनंद प्रकाश, एसएससी जिला प्रबंधक मोहम्मद नवाजिश, अधीक्षक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल अमर सिंह एवं  गणेश प्रसाद सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी विपिन बिहारी सिंह, सहायक अभियंता पीएचइडी  प्रिंस कुमार सहित सभी अंचलाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी  उपस्थित थे।