पटना

खगड़िया: भ्रांतियों से लोगों को दूर कर टीकाकरण की गति तेज किए जाने पर जिला प्रशासन ने किया मंथन


      • जिलाधिकारी द्वारा कोविड टीकाकरण की समीक्षा बैठक में दिए गए आवश्यक निर्देश
      • जिले में अब तक 1 लाख 42 हजार के करीब हो चुका है टीकाकरण

खगड़िया (आससे)। खगड़िया जिले में कोविड टीकाकरण एवं टेस्टिंग कार्यों के प्रगति की समीक्षा को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधिकारी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि जिले में वर्तमान में करीब 2500 कोविड टेस्टिंग रोजाना हो रही है, जोकि कुछ दिनों पूर्व तक मात्र एक हजार के करीब था। टेस्टिंग के लिए स्थल का पूर्व निर्धारन और टीम द्वारा उसी जगह पर जाकर टेस्टिंग के सकारात्मक परिणाम सामने भी आए।

ऐसा ही प्रयास 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के बीच कोविड टीकाकरण को लेकर किया जा रहा है। इसके लिए पंचायत एवं ग्राम स्तर पर लोगों को प्रेरित करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मुखिया, वार्ड सदस्य की भी मदद ली जा रही है। इस कार्य में आंगनवाड़ी सेविकाएं, सहायिकाएं, जीविका दीदियां, एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं, फिर भी जवाबदेही सुनिश्चित ना होने के चलते संभवत अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। उप विकास आयुक्त श्रीमती अभिलाषा शर्मा द्वारा बैठक में बताया गया कि लोगों को टीकाकरण हेतु प्रेरित करने के लिए आवास सहायक एवं पंचायत रोजगार सेवक को भी लक्ष्य दिया गया है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की टीकाकरण कार्यक्रम और इसका सत्र स्थल न्यूनतम आगामी 3 दिनों का जारी होना चाहिए, ताकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सेविकाओं, सहायिकाओं, जीविका दीदियों एवं अन्य कार्यकर्ताओं को आम जनता को जागरुक कर टीकाकरण केंद्र तक जाने के लिए प्रेरित करने हेतु पर्याप्त समय मिल सके एवं इसका प्रचार प्रसार किया जा सके। अगर सभी संबंधित जिम्मेदार लोगों को टीकाकरण सत्र स्थल का विवरण ज्ञात रहे, तो टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने एवं लोगों को मोबिलाइज कराने में सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि कोविड जागरूकता प्रचार रथ से भी पंचायतों में माइकिंग कराई जाए कि वहां किस दिन टीकाकरण होगा। प्रत्येक प्रखंड में न्यूनतम 500 टीकाकरण होना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि टीकाकरण एक्सप्रेस जिले में चल रहे हैं और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को टीके की खुराक देने के लिए समन्वित एवं लक्ष्यपरक प्रयास करने होंगे।

सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे प्रतिदिन अपने प्रभार के प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात करेंगे एवं टीकाकरण सत्र स्थलों तक लोगों को मोबिलाइज करने हेतु उनके प्रयासों की समीक्षा करेंगे एवं आवश्यक निर्देश भी देंगे। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि जिला  एवं प्रखंड स्तर पर कोई संवादहीनता की स्थिति न उत्पन्न हो। प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा समय से मुखिया, वार्ड सदस्य इत्यादि को सूचित करने पर टीकाकरण में अपेक्षित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। जिलाधिकारी ने प्रत्येक प्रखंड हेतु एक डॉक्टर को प्रभारी डॉक्टर के रूप में नामित करने का भी निर्देश दिया, ताकि वे प्रतिदिन संबंधित प्रखंड में टीकाकरण के कार्यों  को गति देने हेतु प्रयास कर सकें।

जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसी भी सूचना प्राप्त हो रही है की बहुत से लोग भ्रांतियों आशंकाओं से ग्रसित होकर टीका नहीं लगाना चाहते हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी महोदय ने निर्देशित किया कि ऐसी नकारात्मक भ्रांतियों को दूर करना भी हमारा ही दायित्व है और इस दिशा में भी प्रयास करना है। लोगों के मन में उत्पन्न आशंकाओं एवं भ्रांतियों को दूर करते हुए उन्हें टीकाकरण सत्र स्थल तक टीकाकरण हेतु ले आना है।

जिलाधिकारी ने उन सभी कर्मचारियों, जिन्हें फ्रंट वर्कर मानते हुए टीके की पहली खुराक दी गई थी, उन्हें दूसरा खुराक अविलंब लगवाने का निर्देश भी सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी एवं डीपीओ, आईसीडीएस को दिया गया। जिलाधिकारी ने  स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को अपना मनोबल बनाए रखने का सुझाव दिया। सभी प्रशासनिक पदाधिकारी भी अपना मनोबल एवं उत्साह का स्तर बनाए रखेंगे। सभी के समन्वित प्रयासों से ही कोविड-19 नियंत्रण हेतु टीकाकरण की गति तेज की जा सकेगी। जिलाधिकारी ने जिला वासियों से अपील की है कि वे किसी भय, आशंका, भ्रांति को अपने मन में ना बैठने दें एवं निर्भीक होकर टीकाकरण सत्र स्थल पहुंचे एवं टीका की खुराक लें, तभी खगड़िया जिला कोविड संक्रमण से मुक्त हो सकेगा।

समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त श्रीमती अभिलाषा शर्मा, अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार वर्मा, भूमि सुधार उप समाहर्ता जनक कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी देव नंदन पासवान, आपदा प्रभारी टेशलाल सिंह, वरीय उप समाहर्ता चंदन कुमार, डीपीओ (आईसीडीएस) नीना सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मी मौजूद थे।