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गंदे पानी के प्रबंधन के लिए ‘सुजलाम 2.0’ अभियान शुरू,


नई दिल्ली: ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन से ‘हर घर नल से जल’ पहुंचाने का अभियान अपनी रफ्तार से चल रहा है। लेकिन घरों से निकलने वाले गंदे पानी के प्रबंधन की जरूरत को देखते हुए सरकार ने मंगलवार को ‘सुजलाम 2.0’ की शुरुआत की। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घरों से निकले गंदे पानी को रि-साइकिल कर उसके उपयोग पर जोर दिया जाएगा।

विश्व जल दिवस पर सुजलाम 2.0 लांच

विश्व जल दिवसपर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सुजलाम के दूसरे चरण को लांच करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और सामुदायिक भवनों से की जाएगी। इससे गांवों में जलजनित बीमारियों को फैलने से रोका जा सकेगा। शेखावत पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के एक समारोह में वर्चुअल रूप से भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा कि जहां से गंदा पानी निकलता है, वहीं उसका प्रबंधन किया जाना चाहिए। वहीं पर सोकपिट बनाकर ग्रे वाटर यानी गंदे पानी का प्रबंधन किया जा सकता है।

गांवों में चलाए जाएंगे विशेष अभियान

गांवों में गंदे पानी के प्रबंधन के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत विशेष अभियान चलाया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं, पानी समितियों और स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से सुजलाम के दूसरे चरण को सफल बनाया जाएगा। जल जीवन मिशन की सफलता का बखान करते हुए शेखावत ने कहा कि देश के कुल 19.32 करोड़ घरों में से 9.25 करोड़ घरों में शुद्ध जल की आपूर्ति नल से हो रही है। देश के 250 से अधिक जिलों में पानी की कमी रहती है। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां ‘कैच द रेन’ अभियान चलाया गया। छह हजार करोड़ रुपये की अटल भूजल योजना के तहत बरसात के पानी को जमीन में पहुंचाने की योजना चलाई गई। 81 जिलों और 10 हजार से अधिक पंचायतों में इस अभियान को सघनता पूर्वक चलाया गया।