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Post Views: 1,000 बाबा हरदेव यदि कहीं बहुत अंधकार है और एक इनसान आवाजें दे कि कोई रोशनी करो, अंधेरेमें बहुत ठोकरें लग रही हैं। उसकी आवाजें सुनकर कोई उसकी हथेलीपर दीया जलाकर रख देता है। अब चारों तरफ रोशनी हो जाती है, लेकिन रोशनी-रोशनी चिल्लानेवाला इनसान यदि अपनी आंखें बंद कर ले तो चारों […]
अर्थव्यवस्थाका पुनरावलोकन आवश्यक
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 533 डा. अम्बुज देशमें बैंकिंग प्रणालीका इतिहास दो सौ वर्षसे भी पुराना है जब देशमें पहली बार सन्ï १८०६ में बैंक आफ बंगाल शुरू हुआ। देशमें नवआर्थिक स्थितिको देखते हुए रिजर्व बैंक आफ इंडिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंककी स्थापना एक अप्रैल, १९३५ को कोलकातामें हुई। बैंकोंकी उपयोगिताको देखकर उस दौरके […]
विश्वास खोते किसान
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 712 कमलेश कमल तमाम लिखित-अलिखित सरकारी आश्वासनोंके बीच लगभग महीनेभरसे जारी किसान आंदोलन छठे दौरकी वार्ताके बाद भी मंद पड़ रहा। शुरूमें किसान संघटनोंने सरकारके दावोंके जवाबमें इतनी ही मांग रखी थी कि वह यदि सचमुच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त नहीं करना चाहती है तो बस कानूनमें एक पैरा जोड़ दे […]