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गिलानी का अंतिम संस्कार: घर के पास कब्रिस्तान में दफनाया गया शव, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम


  1. पाकिस्तान समर्थक एवं अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शव को उनकी इच्छा के अनुसार उनके आवास के पास एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। हालांकि उनके बेटे नईम ने कहा कि वह शव को श्रीनगर शहर के ईदगाह में दफनाना चाहते थे। अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों व रिश्तेदारों के साथ ही अधिकारी भी मौजूद रहे।

अधिकारियों ने कहा कि गिलानी के शव को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। उनके करीबी सहयोगियों ने बताया कि गिलानी ने हैदरपोरा की मस्जिद में दफनाए जाने की इच्छा जताई थी। लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पूरी घाटी में सख्त प्रतिबंध लगाए गए। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई। अफवाहों और फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शन और इंटरनेट को छोड़कर मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गईं।

आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि पूरी घाटी में पाबंदियां लगाने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गई है। इस बीच दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग से हुर्रियत नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के अध्यक्ष मुख्तार अहमद वाजा को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। गिलानी के निधन के बाद पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया। पुलिस और सुरक्षा बलों की संवेदनशील स्थानों पर तैनाती कर दी गई है। सभी जिलों के एसएसपी को कानून व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई है। उधर, उत्तरी कश्मीर के लोगों से संयम बरतने की पुलिस ने अपील की है। लोगों से श्रीनगर की ओर न जाने की सलाह दी है।

तीन बार सोपोर से रहे विधायक
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जून 2020 में उन्होंने हुर्रियत (जी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। 29 सितंबर 1929 को सोपोर में जन्मे गिलानी पूर्व में जमात-ए-इस्लामी के सदस्य थे, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया। वे आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन भी रहे। 1972, 1977 व 1987 में वे सोपोर से विधायक रहे।

महबूबा-सज्जाद ने जताया शोक
उनके निधन पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती व पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने संवेदना प्रकट की है। महबूबा ने ट्वीट किया कि गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं। हम ज्यादातर बातों पर सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं। अल्लाहताला उन्हें जन्नत और उनके परिवार तथा शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रदान करें।