हाल ही में फ्रिज खराब होने पर ग्राहक ने उस कंपनी के कॉल सेंटर में फोन करने के लिए गूगल पर सर्च किया। सर्च में उस कंपनी के नाम पर चलाए जा रहा नकली कॉल सेंटर सबसे ऊपर दिखा। ग्राहक ने उस साइट से मिले नंबर पर फोन किया और कंपनी का कॉल सेंटर समझ कई निजी जानकारी भी कॉल सेंटर वालों को दे दी। निजी जानकारी देने की वजह से वह ग्राहक वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हो गया। पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए। अब इंटरनेट धोखाधड़ी का एक और चलन प्रचलित हो रहा है।अगर आपने ऑनलाइन किसी आइटम को सर्च किया है तो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के माध्यम से उस आइटम के सेलर्स को पता चल जाता है कि आप उस आइटम को लेकर इच्छुक है और जैसे ही आप गूगल या फेसबुक पर जाएंगे, आपको उस आइटम के विज्ञापन दिखने लगेंगे। इसका फायदा साइबर दुनिया के ठग भी उठा रहे हैं। उन्हें भी एआई की मदद से आपकी रूचि का पता चल गया है और वे भी आपको वह आइटम सस्ते में देने का प्रलोभन साइट पर दे रहे हैं और ग्राहक उनके चक्कर में फंस जाते हैं। इस प्रकार की तमाम धोखाधड़ी गूगल व फेसबुक जैसे बड़े इंटरनेट प्लेटफार्म पर हो रही है, लेकिन गूगल व फेसबुक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है क्योंकि साइबर फ्रॉड की जो शिकायतें हो रही हैं, उनमें भी गूगल को पक्षकार नहीं बनाया जा रहा है। जबकि देश के मौजूदा आईटी नियम में इस प्रकार का प्राविधान किया गया है।आईटी कानून व साइबर धोखाधड़ी के विशेषज्ञ व सुप्रीम कोर्ट के वकील पवन दुग्गल कहते हैं, ‘इस साल अक्टूबर में आईटी नियम में संशोधन किया गया है जिसके तहत अब गूगल व फेसबुक को अपने प्लेटफार्म पर होने वाले इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे। ऐसा नहीं करने पर उपभोक्ता इन प्लेटफार्म के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करा सकता है। आईटी कानून के तहत वित्तीय क्षतिपूर्ति का भी दावा कर सकता है।’ संशोधित आईटी नियम के मुताबिक गूगल व फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर ठगी होने पर सबसे पहले ग्राहक को गूगल के शिकायत अधिकारी के पास लिखित में शिकायत देना चाहिए। अगर इंटरनेट प्लेटफार्म कोई कार्रवाई नहीं करता है या उपभोक्ता उससे संतुष्ट नहीं होता है तो वह आईटी नियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकता है।दूसरी तरफ सरकार भी इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए व्यापक तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर कहते हैं, ‘हम जल्द ही डिजिटल इंडिया एक्ट ला रहे हैं जो वर्तमान आईटी एक्ट की जगह लेगा। इसका शीघ्र ही ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। जिस प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी होगी, उसे रोकने की जिम्मेदारी उस प्लेटफार्म की होगी। वे इससे बच नहीं सकते हैं।’ चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान आईटी कानून के रूल एक से नौ में इसका प्रविधान है कि प्लेटफार्म पर होने वाली धोखाधड़ी रोकने की जिम्मेदारी प्लेटफार्म की होगी। लेकिन प्रस्तावित कानून में हम बहुत ही व्यापक बदलाव ला रहे हैं।
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