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गौरी लंकेश मामला: आरोपी की जमानत याचिका पर अदालत के आदेश से प्रभावित हुए बिना फैसला करें- SC


नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि वह कार्यकर्ता-पत्रकार गौरी लंकेश (Gauri Lankesh) हत्याकांड के एक आरोपी के खिलाफ आरोप खारिज करने के आदेश से प्रभावित हुए बिना उसकी जमानत याचिका पर फैसला करे. गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने एक याचिका दायर की है, जिसमें आरोपी मोहन नायक के खिलाफ संगठित अपराध के आरोपों को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई है. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा.

जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने कर्नाटक सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए तथा उनसे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर कविता की याचिका पर अपना जवाब देने को कहा. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ का हिस्सा थे.

पीठ ने कहा कि अंतरिम राहत का अनुरोध करने और विशेष अनुमति याचिका दायर करने की अनुमति मांगने वाले प्रार्थियों को नोटिस जारी किए जाएं. उसने कहा, ‘प्रतिवादी संख्या छह के वकील की दलीलें सुनने के बाद हमारा मानना है कि उच्च न्यायालय के समक्ष दायर प्रतिवादी संख्या छह की याचिका पर उस फैसले से प्रभावित हुए बिना निर्णय लिया जाए, जिसे चुनौती दी गई है.’

न्यायालय ने मामले की सुनवाई 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. कविता की याचिका के अनुसार, नायक ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले के आधार पर जमानत का अनुरोध किया है, जिसके तहत 22 अप्रैल को उसके खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया गया था.