चंदौली

चंदौली।चच्चा प्रणाम, एह बार जिता दा……..


चंदौली। 26 अप्रैल से होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल व निष्पक्ष सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन जहां कटिबद्ध है वही वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशी हर हथकण्डे अपनाने को तैयार बैठे हैं। जस-जस पंचायत चुनाव नजदीक आ रहा हैं तस-तस प्रत्याशी अपने जीत के आंकड़े लोगों से जुटाने में जुट गये हैं। वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए होली का त्योहार सबसे बेहतर मौका रहा जिसका लाभ उठाने में प्रत्याशी सफल रहे। वही वोटर भी ऐसे मौके को भुनाने में ही सही समझदारी समझा। गांव में कितने वोटर एससी, ओबीसी, सामान्य है। किस जाति की कितनी संख्या और कौन किसको देगा, इन सभी बातों को अपने समर्थकों के साथ दहाने के साथ ही आगे की रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं। गांव में कुछ वोटर ऐसे हैं जिनको प्रत्याशी पकड़ नहीं पा रहे हैं कि आखिर यह किधर है। वोटर भी द्वार पर आये प्रत्याशियों को आपको ही वोट देंगे कहकर प्रत्याशियों में उलझन बनाये हुए हंै। जो भावी प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत प्रत्याशी हैं वे गांव की समस्याओं के निराकरण का दम भर रहे हैं तो वही पूर्व प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य अपने विकास कार्यो को गिना रहे हैं। मतदाता भी मनचाहे प्रत्याशियों का चयन कर लिये हैं। बस वोटिंग करना रह गया है। एक दूसरे के करीब रहने वाले लोग आज पंचायत के चुनावी रण में प्रतिद्वंदी बन गये हैं और एक दूसरे के खामियों को मतदाताओं को बताकर उनके वोटर अपने पक्ष में करने के प्रयास में है। सुबह-शाम प्रत्याशी मतदाताओं के घर के चक्कर लगा रहे हैं और एक ही बात कह रहे हैं चच्चा प्रणाम एह बार जीता दा फिर गांव क खूब विकास कराईब। इन्ही सब बातों के बीच हर रोज सुबह.शाम चुनावी सरगर्मी की बातें चाय-पान की दुकानों व चट्टी चौराहों पर शुरू हैं जो काफी रोमांचक है। हाथ में सूर्ती रगड़ते हुए गोवर्धन चच्चा बनारसी के दुकान पर बैठे लोगों से आउर हो भईया लोग का हाल बा, ठीक बा हो चच्चा, अपन सुनावा। इधरों बढिय़े बा आउर सुनावा, सब ठीक बा हो, ई बार लगत है रामदेव जितीहन नाही, काहे हो अरे का जितीहन गांव में कउनो काम करउलन नाही अउर दुबारा वोट मांगत बाटन। अरे नाही चच्चा, रमजिउवा के घर से सुलोचना के घर तक रोड बनवउले हव अउर कई काम करउले हव। हरे उ का काम करउले बा तबो जिती.उती नाही। अरे भइया पुरनका ठीक जाना जवन गांव क विकास करावे के नाम पर वोट मांग के जीत जात हउवन उ अउरो लूटत हउवन। नाही चच्चा अइसन कउनो बात ना हव। सोच अच्छा रही और शिक्षित रहियन त उन जरूर काम करिहन। अरे भइया आज कल क चुनाव त पइसा क न हो गयल बा हो। कुछ बस्ती त अइसन बा की ओनके लगी की ईहा से त कुछ छटकिहन न त कुल वोटवा पइसा पर मिल ही जाई। तीस.चालीस ठेे समर्थक छीट देत हउवन अउर उहा के मेन लोगन के प्रलोभन देकर वो क्षेत्र क वोट कब्जिया लेत हउवन। जाये दा ये चच्चा हमहन के पइसा दारू नाही चाही जेके इच्छा करी ओके देवल जाई। इसी तरह की चचाएज़्ं विभिन्न चट्टी चौराहे व पान.चाय की दुकानों पर सुनने को मिल रही है। रमेश यादव