चंदौली

चंदौली।त्याग की मूर्ति हैं भरत जी:अखिलानंद


अलीनगर। स्थानीय लौंदा क्षेत्र स्थित ख्यालगढ़ गाँव मे स्व० रामकली देवी की 8वीं पुण्यतिथि व स्व० राम आधार सिंह, स्व० दशरथ सिंह व स्व० महादेव सिंह की स्मृति मे नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीरामकथा मे ब्राह्मणों द्वारा पूजन आदि का कार्यक्रम संपन्न हुआ। तत्पश्चात अपराह्न तीन बजे से कथा कुछ पाँचवे दिवस श्रवण कराने हेतु श्रीरामकथा मर्मज्ञ श्रीमद् भागवताचार्य अखिलानन्द जी महाराज मंच पर स्थित ब्यासपीठ पर उपस्थित हो भगवान का पूजन किया। उन्होने कथा के सातवें दिवस उपस्थित जन समूह को कथा श्रवण कराते हुए कैकेयी का कोप भवन मे प्रवेश और भगवान श्री राम वन गमन के बारे में विस्तार वर्णन किया। उन्होने बताया कि मंथरा द्वारा रानी कैकेयी को भरत के लिए उकसाना और माता का सर्वसुख का त्याग कर कोपभवन मे प्रवेश करने के पश्चात जानकारी होने पर महाराज दशरथ कोप भवन मे आते हैं जहाँ कैकयी द्वारा महाराज दशरथ से दो वरदान मांगती हैं। जिसमे एक भरत को राजतिलक और दूसरे वरदान में राम को चौदह वर्ष का वनवास। महाराज दशरथ को नहीं चाहते हुए भी उक्त निर्णय पर अमल करना पड़ा। प्राण जाई पर वचन न जाई को चरितार्थ करते हुए भगवान राम लक्ष्मण सीता जी ने वन गमन किया जिसका विक्षोभ महाराज दशरथ सह नहीं पाए और राम को विदा करते हुए महाराज दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए। केवट प्रसंग और फिर भरत जी भगवान राम को वापस अयोध्या लाने के लिए चित्रकूट जाते हैं और भगवान की चरण पादुका लेकर अयोध्या आते हैं।