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चंदौली। प्रेम के आगे ज्ञान भी हो जाता है पीछे:अजयनन्द


मुगलसराय। गल्ला मंडी स्थित श्री दुर्गा मंदिर प्रांगण मे चल रहे संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान शक्रवार को कथा वाचक अजयानन्द महाराज ने ब्यास पीठ से ठाकुर जी के रासलीला पर वर्णन करते हुए प्रेम की ब्याख्या की। उन्होने उपस्थित भक्तों को बताया कि कि वृंदावन मे ठाकुर जी ने गोपियों संग जब रास किया उस समय भगवान शिव और माता पार्वती भी गोपियों का रूप धरकर उस रास मे सम्मलित हुए। और अन्य गोपियों की भाँति भगवान के प्रेम मे वशीभूत हो कर नृत्य करने लगे। लेकिन यह बहुत समय तक न चल सका और ठाकुर जी ने भूत भावन और माँ पार्वती को पहचान गए। जब गोपियों ने भूत भावन शंकर जी का विकराल रूप देखा तो वहाँ से डर पलायन करने लगीं। जिसे ठाकुर जी मुस्कराए और उन्होंने वही गोपेश्वर महादेव को स्थापित किया। तभी से भूत भावन का एक और नाम गोपेश्वर हुआ। उन्होने बताया कि गोपियों द्वारा उद्धव जी को प्रेम की चादर पर बिठा दिया प्रेम से बड़ा कुछ नहीं प्रेम के आगे ज्ञान भी पीछे हो जाति है। मौके पर मुख्य रूप से पं० जय विजय, पं० गोरखनाथ तिवारी, आलोक तिवारु, परमेश्वर, आशीष मिश्रा, नारायण, राजकुमार जायसवाल, रमेश जायसवाल, पवन जायसवाल, अनिल तिवारी, वागिस पाठक, वीरेन्द्र जायसवाल, विमलेश, बबिता, गुडिय़ा जायसवाल आदि सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।