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चार्टर्ड अकाउंटेंसी : छह हजार सीए छात्रों ने पीएम मोदी से लगाई गुहार, कहा- टाली जाएं परीक्षाएं


  • चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए) के 6,000 छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस साल सीए परीक्षा को तब तक स्थगित करने की मांग की है, जब तक कि सभी छात्रों का टीकाकरण नहीं हो जाता। सीए छात्रों की परीक्षाएं 05 जुलाई से 20 जुलाई, 2021 के बीच होनी है।

सीए के छात्र जो इन परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं, वे 18-23 के आयु वर्ग में आते हैं। पत्र में लिखा गया है कि उन्हें खुद को टीका लगाने का अवसर दिए बिना, यदि इन छात्रों पर 15 दिनों की लंबी शारीरिक परीक्षा में शामिल होने का दबाव डाला जाता है, तो यह इन छात्रों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी अन्याय होगा।

पत्र में आगे कहा गया कि यह कोविड -19 की दूसरी लहर के बाद पहली अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा होगी। देश भर से तीन लाख से अधिक छात्र इन परीक्षाओं में शामिल होंगे और उनमें से अधिकांश को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक भी नहीं मिल पाई है।

पीएम के संबोधन और नीति आयोग का दिया हवाला

पत्र में नीति आयोग के प्रमुख डॉ वीके पॉल के बयान के बारे में भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि टीकाकरण सामान्य स्थिति में वापस जाने का एकमात्र उपाय है। साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, जिसमें 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण जरूरी बताया गया है, का भी उल्लेख किया गया है।

परीक्षाएं रद्द नहीं, केवल स्थगित करने का आग्रह
सीए छात्रों ने कहा कि वे परीक्षाएं रद्द करने की नहीं, बल्कि फिलहाल के लिए स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों ने लिखा, हम छात्र अपने देश के सबसे लोकप्रिय और छात्रों के अनुकूल प्रिय प्रधानमंत्री महोदय से अनुरोध करना चाहते हैं कि कृपया इस मामले में संज्ञान लें और कुछ दिनों के लिए परीक्षाएं स्थगित करने की अनुमति दें। ताकि, हम छात्र बिना किसी डर के परीक्षा दे सकें।

प्रधान न्यायाधीश को भी लिखा पत्र

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, कई सीए छात्रों ने भी प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर सीए परीक्षा में ऑप्ट-आउट विकल्प की मांग की थी। छात्रों ने मांग की कि जो लोग परीक्षा छोड़ना चाहते हैं, उन्हें आगे ले जाने के लाभों के साथ एक ऑप्ट-आउट विकल्प दिया जाना चाहिए। उन्होंने उन लोगों के लिए एक अतिरिक्त प्रयास की भी मांग की जो कोविड -19 महामारी के कारण परीक्षा में शामिल होने में विफल रहे।