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चुनाव लडे़ंगे? समय बताएगा’ बंगाल पर गाना पड़ा पवन सिंह को भारी? जेपी नड्डा से मिलने के बाद मीडिया को बताई अंदर की बात


'चुनाव लडे़ंगे? समय बताएगा' बंगाल पर गाना पड़ा पवन सिंह को भारी? जेपी नड्डा से मिलने के बाद मीडिया को बताई अंदर की बात

 नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट (Asansol Lok sabha Seat) को लेकर भाजपा विचार कर रही है। इस बीच सोमवार को पवन सिंह ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

 

इस मुलाकात के बाद बीजेपी नेता पवन सिंह को मीडिया ने घेरा और कई सवाल किए। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आप चुनाव लड़ेंगे? तो, इस पर पवन सिंह ने कहा कि समय बताएगा अभी कुछ भी कह नहीं सकते। इस बीच उन्होंने जे पी नड्डा से हुई मुलाकात को लेकर कहा कि मुलाकात हो गई है। मैंने अपनी बातें रख दी हैं। आगे जो भी होगा मैं आप सभी से जरूर साझा करूंगा।

भाजपा का टिकट क्यों ठुकराया?

दरअसल, शनिवार को भाजपा ने आसनसोल सीट से भोजपुरी एक्टर और सिंगर पवन सिंह को उम्मीदवार घोषित किया था। इससे एक दिन बाद यानी रविवार को ही पवन सिंह ने भाजपा के इस प्रस्ताव को निजी कारणों का हवाला देते हुए ठुकरा दिया और इस सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।

तृणमूल ने बोल दिया था पवन सिंह पर हमला

पवन सिंह के नाम की घोषणा होने के साथ ही बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया था। तृणमूल ने कहा था कि पवन सिंह ने अपने गानों के माध्यम से बंगाल की महिलाओं का अपमान किया है। तृणमूल प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने एक्स पर लिखा था-‘भोजपुरी में रिलीज पवन सिंह के विभिन्न गानों व वीडियो में बंगाल की महिलाओं के प्रति असम्मान जताया गया है। वहीं तृणमूल के एक अन्य नेता ऋजु दत्त ने तंज कसते हुए लिखा था-‘अभिनेत्री अक्षरा सिंह आसनसोल के लोगों से कुछ कहने आएंगी। प्रतीक्षा कीजिए।

तृणमूल की राज्यसभा सदस्या सागरिका घोष ने भी कहा था-‘आसनसोल के भाजपा प्रत्याशी के एक गाने के वीडियो में बंगाल की महिलाओं को अपमानित किया गया है। हम क्या इस तरह का जनप्रतिनिधि चाहेंगे? तृणमूल के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत राय ने भी पवन सिंह की उम्मीदवारी पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि आसनसोल बिहार नहीं है। दूसरी तरफ बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा था कि तृणमूल आसनसोल की लड़ाई पहले ही हार गई है। उसे समझ आ गया है कि इस बार ‘बिहारी बाबू’ से चुनावी वैतरणी पार नहीं होने वाली इसलिए वह इस तरह का दुष्प्रचार कर रही हैं। इसी बीच पवन सिंह के चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा के साथ ही इन सबपर विराम लग गया है।