पटना

छपरा मंडल कारा में कैदियों के लिए शुरू हुआ कोविड टीकाकरण


संक्रमण के खिलाफ़ लड़ाई में मजबूत हथियार है टीकाकरणः डीएम

छपरा। जिले में कोरोना संक्रमण के फ़ैलाव को रोकने तथा इसे बचाव को लेकर सकरात्मक पहल जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है। अब जेल में  बंद कैदियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गयी है। छपरा मंडल कारा में 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले कैदियों को कोविड-19 वैक्सीन का पहला डोज दिया गया। टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। जेल के अंदर ही टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। जहां पर टीकाकरण किया जा रहा है।

जिलाधिकारी डॉ॰ नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन के समन्वय से बंदियों के स्वास्थ्य जांच के बाद बंदियों को टीका देने का कार्य हो रहा है। कोरोना संक्रमण जिस रफ्तार से बढ़ रही है, लोगों के लिए यह एक चुनौती बनती जा रही है। इसको देखते हुए कैदियों को टीकाकरण की शुरूआत की गई है। कोरोना का टीका हमे गंभीर लक्षणों वाले संक्रमण से बचाता हैं, और हमें गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाने के लिए कारगर हथियार है।

जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जिदगी बचाने की चुनौती के बीच वैक्सीन हथियार बन सहारा दे रही है। वैक्सीन से प्रतिरक्षित लोगों में गंभीर संक्रमण की आशंका काफ़ी कम है। टीका लगवाने से कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर में कोरोना वायरस के लिए एंटीबॉडी तैयार होती हैं। संक्रमित होने की आशंका कम हो जाएगी। अगर संक्रमण हो भी जाएगा तो गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचेगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि टीका दो डोज में पूरा किया जाएगा। सभी लाभार्थियों को दोनों डोज लेना अनिवार्य है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड-19 का टीकाकरण कारगर हथियार साबित हो रहा है। वैक्सीन के दोनों डोज लेने के करीब 4 सप्ताह बाद कोविड-19 के खिलाफ़ शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। ऐसे में टीका लेने के बाद भी सावधानी बरतना अति आवश्यक है। पहला डोज लेने के बाद समय अंतराल पूरा होने पर दूसरा डोज भी अवश्य लें। तभी आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे।