पटना

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री: सीएम ने सुनी 167 फरियादियों की फरियाद


      • देखिये, सेविका बहाली में लगातार शिकायत मिल रही है
      • जमीन का कागजात मिला, कब्जा नहीं

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में १६७ लोगों की परियाद को सुना तथा उसी वक्त उसके निदान के लिये निर्देश दिये।  जनता दरबार में लगातार आंगनबाड़ह सेविकाओं की बहाली से जुड़े लगातार कई शिकायत के मामले आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर आंगनबाड़ी सेविका बहाली की शिकायत मिल रही है। अब तक मधूबनी से लागातार शिकायत आ चुकी है। उसके बाद मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण के अपर मुख्य सचिव को कहा कि चार शिकायत पहुंच गयी है। मामले को देखिए, लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है।

त्रिवेणीगंज सुपौल के इंद्रभूषण प्रसाद ने त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में अनियमितता की शिकायत की। उन्होंने  कर्मचारियों में तालमेल के अभाव में हो रही वपरेशानी को लेकर शिकयत की। वहीं मोतीपुर मुजफ्ïफरपुर के नंदलाल कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि मेरी पत्नी जो एक वर्ष से आंगनबाड़ी सेविका के रुप में कार्यरत थी, डीपीओ द्वारा मांगी गयी राशि नहीं देने के कारण उन्हें साजिश के तहत हटा दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को शिकायतकर्ता के शिकायत के समाधान का निर्देश दिया। छौराही बेगूसराय के अरुण कुमार सिंह ने शिकायत करते हुए कहा कि राजकीय उच्च विद्यालय छौराही मटिहानी के खेल मैदान को हाट में तब्दील कर दिया गया है। वहीं हुलासगंज, जहानाबाद के तंटू कुमार ने झारूबिगहा में प्राथमिक विद्यालय स्थापित किये जाने के संबंध में मुख्यमंत्री से अपनी मांग रखी। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सोनपुर के उदय कुमार ने फिजिकल शिक्षक की बहाली को लेकर अपनी मापंग रखी तो वहीं पटना सदर के कवल नारायण मिश्रा ने सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं मिल पाने की शिकायत की। दरभंगा के पप्पू कुमार ने जीएनएम की बहाली में पुरूषों को भी शामिल करने तथा प्राइवेट जीएनएम संस्ािानों में शुल्क कम करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कुछ छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि मैट्रिक पास करने के बाद भी आज तक उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को पूर मामले को देखकर उचित कदम उठाने को कहा।

वहीं व्हील चेयर से आये एक दिव्यांग ने मुख्यमंत्री से कहा कि आज तक हमें आयुष्मान हेल्थ कार्ड नहीं मिला। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया और तुरंत स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया। योगापट्टी पश्चिम चंपारण के विनोद कुमार ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उनका पुत्र ण्वं पुत्री की पानी में ड़बने से मौत हो गयी थी। मुआवजा के लिए पैसा भी आया लेकिन ऑफिस के कर्मचारी मुझे पैसा देने के लिए अवैध राशि की मांग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसने भी पैसे की मांग की है उस पर केस दर्ज होगा। मुख्यमंत्री ने तुरंत आपदा प्रबंधन के सचिव को पूरी जानकारी लेकर जिसने भी पैसे की मांग की है उस पर विधि सम्मत कार्रवाई करें। मधुबनी के झंझारपुर के नरुआर गांव के सतीश कुमार मंडल ने कहा कि २०१९ में बाढ़ में ५२ परिवार विस्थापित हो गये थे। सारा जमीन-घर कमला नदी में समा गया था। आपने ही सभी ५२ परिवारों को घर के लिए कागजात दिया था। २०१९ से लेकर अब तक सिर्फ कागज मिला, लेकिन जमीन अब तक नहीं मिल पायी है। आज भी सभी ५२ विस्थापित परिवार पन्नी टंांग कर किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपके गांव में गये थे, मुझे याद है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग को कहा कि डीएम से बात कीजिए कि अभी तक विस्थापित परिवारों को जमीन क्यों नहीं मिली है। हम वहां गये थे और जमीन देने की बात हमने कही थी, लेकिन ये बता रहे हैं कि अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसकों देखकर शिकायत दूर की कीजिए।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, कला संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री आलोक रंजन, सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री जिवेश कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, डीजीपी एसके सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह, पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी उपेंद्र शर्मा समेत कई अधिकारी मौजूद थे।