पटना

बिहारशरीफ: शिक्षा विभाग की बैठक में डीएम के निर्देश के बाद प्रतिनियोजित शिक्षकों में हड़कंप


  • शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मेलजोल से लगभग पांच सौ शिक्षक कार्यालयों में करा रखे है प्रतिनियोजन
  • प्रतिनियोजन के खेल में संघ के कुछेक नेता भी अपने सगे संबंधियों को गांव के स्कूलों से शहरी विद्यालयों में करा रखे है प्रतिनियोजन

बिहारशरीफ (आससे)। शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह द्वारा दिये गये निर्देश के बाद शिक्षकों में हड़कंप व्याप्त है। डीएम ने यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द करें और उन्हें स्कूल भेजे। ऐसे में प्रतिनियोजित शिक्षक के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।

बताते चले कि जिले के विभिन्न विद्यालयों के लगभग पांच सौ शिक्षक प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक के शिक्षा विभाग के कार्यालयों सहित अपना प्रतिनियोजन करा रखे है, जिसके कारण विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य प्रभवित होता है। सच तो यह है कि ऐसे शिक्षक अब शिक्षक कम क्लर्क अधिक बन चुके है। इनका मुख्य भूमिका भागा रहना तथा विभाग का दलाली करना बन गया है। लेकिन डीएम के आदेश के बाद  ऐसे लोगों का जमीन खिसकता नजर आ रहा है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुकंपा पर प्रतिनियुक्त शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बचा पाने की स्थिति में नहीं है। वजह यह है कि अगर प्रतिनियोजन रद्द नहीं हुआ तो प्रतिनियोजन रखने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। कई ऐसे लोग प्रतिनियोजित है जो इसके लिए विभाग के अधिकारियों को चढ़ावा भी चढ़ाते रहे है। कई ऐसे भी शिक्षक है जो अपने नियुक्ति के बाद विद्यालय गये हीं नहीं है।

हालांकि बीच के दिनों में भी कभी शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय के निर्देश तो कभी जिला पदाधिकारी के निर्देश के बाद ऐसे शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द होता रहा है लेकिन कुछ दिनों तक विद्यालय में योगदान करने के बाद फिर से इन्हें प्रतिनियोजित कर दिया जाता है।

जानकारों की मानें तो रहुई प्रखंड एवं शिक्षा कार्यालय में 12, एकंगरसराय में 6, परबलपुर में 8, नगरनौसा में 12, राजगीर में 15, बेन में 7, नगरनौसा में 2, अस्थावां में 9, बिंद में 12, नूरसराय में 2, सरमेरा में 8, कतरीसराय में 4, गिरियक में 2, करायपरशुराय में 8, थरथरी में 3, सिलाव में 3, बिहारशरीफ में 9 शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर है। इन सबके अलावे जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा एसडीओ कार्यालय में भी दर्जनों शिक्षक प्रतिनियुक्ति में है। जबकि हकीकत यह है कि ऐसे प्रतिनियोजन के बाद कई विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है।

इतना ही नहीं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में नियोजित शिक्षक बिहारशरीफ शहर तथा आसपास के विद्यालयों में प्रतिनियोजन करवा रखे है, जबकि विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या अधिक हो गयी है, जहां वे पदस्थापित है। और, वैसे विद्यालय जहां इनकी पदस्थापना है वहां शिक्षक के अभाव में पढ़ाई बाधित हो रही है। ऐसे प्रतिनियोजित शिक्षकों की संख्या में दर्जनों में है जो अपने मूल विद्यालय के बजाय दूसरे विद्यालयों में प्रतिनियोजन करवाकर पढ़ाई से दूर रह रहे है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो संघ के कई नेता अपने सगे-संबंधियों को सुदूर गांव के विद्यालयों से प्रतिनियोजित करवाकर शहरों के विद्यालय में रखवा रखे है और जब भी इनका प्रतिनियोजन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू होती है संघ के पदाधिकारी बताकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाते है।

सच तो यह है कि प्रतिनियोजन के इस खेल में प्रतिनियोजित शिक्षक तो शामिल है ही शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ-साथ शिक्षक संघ के नेता भी इसमें सामान्य रूप से संलिप्त है। हालांकि यह भी सच है कि प्रतिनियोजन के इस खेल में संघ के कुछेक नेता भी संलिप्त है।