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जनवरी 2021 में हुआ था दिल्ली के वीआइपी इलाके में विस्फोट,


नई दिल्ली, । देश की राजधानी दिल्ली सालभर आतंकियों के निशाने पर रहती है। गणतंत्र दिवस के साथ स्वतंत्रता दिवस और फिर त्योहारों के दौरान दिल्ली पर आतंकी हमलों को खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली की गाजीपुर मंडी में आइईडी मिलने की घटना इसी ओर इशारा करती है कि दिल्ली हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहती आई है। बता दें कि 29 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली के वीआइपी इलाके में स्थित इस्राइली दूतावास के बाहर कम तीव्रता वाला धमाका हुआ था। जांच में यह भी पता लगा है कि धमाका रिमोट कंट्रोल वाले डिवाइस से किया गया था। जांच के दौरान यह खुलासा भी हुआ कि इस्राइली दूतावास के बाहर हुए बम विस्फोट के पीछे ईरान का हाथ था। कहा जा रहा है कि दुश्मनी निकालने के लिए ईरान ने बड़ी ही चालाकी से भारत के लोकल माड्यूल के सहारा लिया था। इस्राइली दूतावास के बाहर हुए बम विस्फोट की जांच में जुटे एनआइए और इस्राइली खुफिया एजेंसी मोसाद को मिले सबूतों के आधार पर यह जानकारी मिली थी।

गौरतलब कि इस्राइली दूतावास के बाहर 29 जनवरी, 2021 को हुए बम धमाके में जांच एजेंसियों को एक पत्र भी मिला था। इसमें लिखा था कि यह विस्फोट 2 ईरानी नागरिकों की हत्या का बदला लेने के लिए किया गया है। इसके बाद से जांच एजेंसियों ने बम विस्फोट की जांच कई कोणों से करने की शुरू की थी। इससे खुलासा हुआ कि ईरान की कुद्स फोर्स ने ये धमाका कराया था।

जांच में पता चला था कि बम एक स्थानीय भारतीय शिया माड्यूल ने प्लांट किया था, इतना ही नहीं जानबूझकर ऐसे सबूत छोड़े गए, जिससे हमले के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएसआइएस ) का हाथ लगे। इसी योजना के तहत दूतावास के बाहर हुए धमाके के बाद एक अनजान संगठन जैश उल हिंद ने इसकी जिम्मेदारी भी ली थी। हालांकि, अब आतंकरोधी एजेंसियां अब यह पुख्ता कर चुकी हैं कि यह हमला ईरान की कुद्स फोर्स ने इस्राइल के खिलाफ किया था।