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जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में हुए धमाकों की जांच हुई तेज,


  1. जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में रविवार को हुए धमाकों की जांच में जुटी टीमों का खास फोकस ड्रोन द्वारा तय की गई दूरी और उसके लाए गए पेलोड पर है. ये जानकारी सूत्रों ने दी हैं. धमाके से कंक्रीट की छत पर गड्ढा हो गया था और उससे कुछ सुराग मिले हैं, जैसे विस्फोटक 5-10 किलोग्राम के बीच का हो सकता है. वहीं सूत्रों का कहना है कि इतने विस्फोटक या पेलोड ले जाने के लिए ड्रोन 25 किलो का रहा होगा.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के टॉप सूत्रों ने अतीत में ड्रोन का अध्ययन किया है और उन्होंने कहा कि ये 1/5 के अनुपात में होना चाहिए. एनएसजी बम डिटेक्शन सेंटर की टीम और इंडिन एयरफोर्स की टीम ड्रोन द्वारा तय की गई संभावित दूरी का विश्लेषण कर रही है. जांच टीम ने पहले ही दो घायल एयरफोर्स जवानों का शुरुआती बयान दर्ज कर लिया है, जिन्होंने आसमान में विस्फोट स्थल के पास एक लाल बत्ती को बिल्किंग करते हुए देखने की बात कही है.

पाकिस्तान आर्मी के टॉप कमांडर्स ने इस हमले की साजिश रची थी- सूत्र

उधर जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में रविवार को ड्रोन से हुए धमाके में बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद टीवी9 भारतवर्ष के सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान आर्मी के टॉप कमांडर्स ने इस हमले की साजिश रची थी. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद के निर्देश पर ये ब्लास्ट किया गया. एयरफोर्स स्टेशन क्षेत्र में रविवार की रात 1:40 मिनट पर विस्फोटकों से लदे दो ड्रोन गिरे थे, जिससे 5 मिनट के गैप पर दो धमाके हुए. इन धमाको में एयरफोर्स के दो जवान घायल भी हो गए.