उत्तर प्रदेश प्रयागराज

जहरीली शराब पीनेसे मौतके मामलेमें महिला की जमानत अर्जी खारिज


प्रयागराज (आससे)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जहरीली शराब पीने से मौत की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है और कहा कि पैसे की लालच में नकली शराब बेचने वाले लोगों के जीवन से खेल रहे हैं।ये विधवाओं व अनाथों को जन्म दे रहे हैं।ये न केवल पीडि़त अपितु समाज के अपराधी है।जिनपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा प्रयागराज के फूलपुर,की अमिलिया देशी शराब के ठेके से नकली शराब पीने से 6लोगों की मौत व दर्जनों के बीमार होने की घटना गंभीर है।मरने से बचें लोगों को आगे चल कर की गंभीर बीमारियां हो सकती है। याची के महिला होने के नाते ऐसे अपराध  में राहत नहीं दी जा सकती। जमानत पर छूटने पर पीडि़तों को धमकाये जाने की संभावना है। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने श्रीमती संगीता जायसवाल की अर्जी पर दिया है। आबकारी निरीक्षक विजय प्रताप यादव ने फूलपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।अनुज्ञा पी याची के पति श्याम बाबू जायसवाल वह सेल्समैन जगजीत सिंह को नकली शराब बेचने का आरोपी बनाया गया है।19नवंबर 20को लोगों ने ठेके से शराब खरीदी। पीने के बाद बीमार पडऩे पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। छ: लोग मर गए की बीमार है।सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास के लोगों के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सेल्समैन जगजीत सिंह को गिरफ्तार कर नमूना जांच के लिए भेजा गया है। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मौत की की घटनाएं हुई हैं। पिछले 11महीनों में 96लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है। इसमें समाज के हाशिए के लोग पीडि़त हैं। मृतकों के शरीर से इथाइल,मिथाइल जहर मिला है।जो गंभीर अपराध है।

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आयु निर्धारण के लिए फर्जी नहीं तो हाईस्कूल प्रमाणपत्र ही मान्य

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आयु निर्धारण के लिए यदि फर्जी न हो तो  हाई स्कूल प्रमाणपत्र ही मान्य है।हाईस्कूल प्रमाणपत्र पर अविश्वास कर मेडिकल जांच रिपोर्ट पर आयु निर्धारण करना ग़लत वह मनमानापूर्ण है। कोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड कानपुर नगर व अधीनस्थ अदालत के हाईस्कूल प्रमाणपत्र की अनदेखी कर आपराधिक घटना के समय याची को बालिग ठहराने के आदेशों को रद्द कर दिया है।और प्रमाणपत्र के आधार पर उसे घटना के समय नाबालिग घोषित किया है।कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड ने 2007की किशोर न्याय नियमावली की प्रक्रिया का पालन नहीं किया।और मनमानी की।यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने मेहराज शर्मा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची  व सह अभियुक्तों के खिलाफ हत्या व अपहरण के  आरोपी में चार्जशीट दाखिल है। घटना 23दिसंबर 13की है।

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प्रमुख सचिव होमगार्ड यूपीको तीन माहमें वेतनपर निर्णय लेने का निर्देश

प्रयागराज (आससे)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव होमगार्ड उ प्र लखनऊ को प्रशिक्षण केंद्रों में तैनात हवलदार अनुदेशकों को तीन माह के भीतर हेड कांस्टेबल का वेतनमान वह सेवा लाभ देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि समान वेतनमान देने की कमेटी ने दो बार संस्तुति की है। अनिश्चितकाल तक ढिलाई बरतने की अनुमति नहीं दी जा सकती। शिकायत का निराकरण किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने अंजन कुमार भगत व 118अन्य हवलदार अनुदेशकों की याचिका को  निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता के एस कुशवाहा व अभय कुमार कुशवाहा ने बहस की।इनका कहना था कि याचीगण होमगार्ड विभाग में हवलदार अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं।31मार्च 77के शासनादेश से राज्य सरकार ने कहा है कि हेड कांस्टेबल वह हवलदार अनुदेशक समान पद है।अब बिना प्रभावित पक्ष को सुने सरकार अपना निर्णय वापस नहीं ले सकती। 9दिसंबर 17को 5सदस्यीय कमेटी ने याचियों के पक्ष में समान वेतनमान देने की संस्तुति की है। सरकार द्वारा निर्णय न लेने से याचियों को आर्थिक नुक्सान के साथ सेवा परिलाभों से वंचित किया जा रहा है।इसपर कोर्ट ने प्रमुख सचिव होमगार्ड को निर्णय लेने का निर्देश दिया है।